Delhi Violence: यूएपीए मामले में जांच पूरी करने के लिए कोर्ट ने पुलिस को दिया समय

दंगे से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 10 आरोपितों के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए दिल्ली पुलिस को 17 सितंबर तक का समय दे दिया है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 08:39 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 08:39 PM (IST)
Delhi Violence: यूएपीए मामले में जांच पूरी करने के लिए कोर्ट ने पुलिस को दिया समय
Delhi Violence: यूएपीए मामले में जांच पूरी करने के लिए कोर्ट ने पुलिस को दिया समय

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। उत्तर-पूर्वी जिले में हुए सांप्रदायिक दंगे से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 10 आरोपितों के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए दिल्ली पुलिस को 17 सितंबर तक का समय दे दिया है। कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने पुलिस को जामिया समन्वय समिति के सदस्य मीरान हैदर, जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा और गुलफिशा खातून, जामिया एलुम्नाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान, जेएनयू की छात्रा और पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, निलंबित आप पार्षद ताहिर हुसैन, पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां, और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य खालिद और शादाब अहमद के खिलाफ दर्ज यूएपीए के मामले में लंबित जांच पूरी करने के लिए पुलिस को समय दिया।

वहीं इससे पहले कोर्ट ने खालिद और इशसत जहां के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का समय बढ़ा दिया था, जबकि रहमान के मामले में 24 अगस्त तक और हैदर, हुसैन और खातून के मामले में 29 अगस्त तक का समय दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले से संबंधित गवाहों के बयान अभियुक्तों की साजिश और भूमिका की ओर इशारा करते हैं।

पुलिस ने कोर्ट से मांगा था समय

वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान पुलिस ने यूएपीए कानून की धारा 43 डी (2) (बी) के तहत 10 आरोपियों के खिलाफ जांच के लिए 17 सितंबर तक का समय मांगा। धारा 43-डी (2) (बी) में यह प्रावधान है कि यदि 90 दिन की अवधि के भीतर जांच पूरी करना संभव नहीं है, तो सरकारी वकील की रिपोर्ट पर जांच की प्रगति और अभियुक्तों को हिरासत में लेने के विशिष्ट कारणों का संकेत मिलता है। इससे संतुष्ट होने पर कोर्ट जांच की अवधि को 180 दिनों तक बढ़ा सकती है। बता दें कि फरवरी में हुई हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। 

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