Delhi Violence Case: पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता तिहाड़ जेल से रिहा

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा साजिश से जुड़े मामले के तीन आरोपितों की रिहाई बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल से हो गई। दो आरोपित देवांगना कलिता व नताशा नरवाल जेल संख्या-छह में तो तीसरा आरोपित आसिफ इकबाल तन्हा जेल संख्या-चार में बंद था।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 09:06 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:14 PM (IST)
Delhi Violence Case: पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता तिहाड़ जेल से रिहा
Pinjara Tod activists Natasha Narwal & Devangna Kalita released from Tihar Jail

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा साजिश से जुड़े मामले के तीन आरोपितों की रिहाई बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल से हो गई। दो आरोपित देवांगना कलिता व नताशा नरवाल जेल संख्या-छह में तो तीसरा आरोपित आसिफ इकबाल तन्हा जेल संख्या-चार में बंद था। जेल प्रशासन के अनुसार तीनों में आसिफ इन दिनों कोर्ट के आदेश पर कस्टडी पैरोल में था। बृहस्पतिवार को आसिफ दक्षिणी दिल्ली में परीक्षा के सिलसिले में पुलिस की निगरानी में गया था। रिहाई की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे जेल परिसर बुलाया गया। सारी प्रक्रिया के बाद तीनों को छोड़ दिया गया। जेल के बाहर इनके कुछ समर्थक भी आए थे। 

जेल से रिहा होने के बाद पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलिता ने खुशी जताई और दिल्ली हाई कोर्ट का धन्यवाद किया। नताशा नरवाल ने कहा कि कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। हम अपने मूल्यों के लिए अपनी लड़ाई भी जारी रखेंगे। वहीं, देवांगना कलिता ने कहा कि एक साल बाद जेल से बाहर निकलने पर खुशी हो रही है। इसके लिए हाई कोर्ट को धन्यवाद देना चाहती हूं।

इससे पहले दिल्ली दंगे की साजिश के मामले में गुरुवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य देवांगना कलीता, नताशा नरवाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया। दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के दो दिन बाद यह आदेश दिया गया है।

गत वर्ष हुए दंगे की साजिश के मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार देवांगना कलीता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को हाईकोर्ट ने मंगलवार को जमानत दी थी। वहां से जमानत मिलने पर तीनों ने तत्काल रिहाई आदेश के लिए कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी के कोर्ट का रुख किया था। इस कोर्ट ने तत्काल रिहाई न देकर पुलिस से बुधवार दोपहर तक आरोपितों और इनके जमानतियों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी थी। बुधवार को पुलिस ने सत्यापन पूरा करने के लिए पांच दिन का समय मांगा था।

आरोपितों के वकील ने इसका विरोध करते हुए तत्काल रिहाई आदेश जारी करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख गुरुवार सुबह 11 बजे सुनवाई निर्धारित की थी।गुरुवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी के कोर्ट में सुनवाई होती, उससे पहले तीनों आरोपितों के वकील रिहाई आदेश के लिए फिर से हाईकोर्ट का रुख कर गए। हाईकोर्ट ने उनसे कहा कि निचली कोर्ट में 12 बजे तक सुनवाई होगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी के कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए तीनों आरोपितों को तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही रिहाई के लिए वारंट ई-मेल से तिहाड़ जेल प्रशासन को भेज दिया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी के कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि सभी जमानती दिल्ली में रहते हैं। कम से कम उनके पते का सत्यापन निर्धारित समय में हो जाना चाहिए था। आरोपितों के पते के सत्यापन को लेकर पुलिस द्वारा बताया गया कारण भी उचित नहीं है। कोर्ट ने आदेश में हाईकोर्ट की उस टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि एक बार जब न्यायिक हिरासत में रखे गए आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदेश हो जाए और वह मुचलके के साथ जमानती को प्रस्तुत कर दे तो उसे 'एक मिनट' के लिए भी सलाखों के पीछे नहीं रखा जाना चाहिए।

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