Delhi Lockdown 2021: 26 अप्रैल तक दिल्ली को होगा 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान

Delhi Lockdown 2021 चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रतिदिन लगभग 600 करोड़ रुपये का व्यापार नहीं होगा।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 07:51 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 07:51 AM (IST)
Delhi Lockdown 2021: 26 अप्रैल तक दिल्ली को होगा 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
दिल्ली सरकार ने छह दिन का लॉकडाउन लगाकर बहुत ही संतुलित निर्णय लिया है।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। राजधानी दिल्ली में एक सप्ताह का लॉकडाउन सोमवार रात 10 बजे से शुरू हुआ है, जो आगामी 26 अप्रैल सुबह 5 बजे तक चलेगा। लॉकडाउन लगाने की घोषणा का कारोबारी संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट), चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के साथ ही भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने स्वागत किया है। 

सीटीआइ के अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रतिदिन लगभग 600 करोड़ रुपये का व्यापार नहीं होगा, जबकि देश के अन्य राज्यों में लॉकडाउन, आंशिक लॉकडाउन, रात्रि कर्फ्यू व अन्य बंदिशों के चलते प्रतिदिन लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का व्यापार नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा निर्यात की वस्तुओं के व्यापार पर भी बुरा असर पड़ा है, लेकिन कोरोना के संक्रमण की श्रृंखला को रोकना जरूरी है।

छह दिन के लाकडाउन से पलायन नहीं करेंगे मजदूर

सीटीआइ के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि छह दिन के लाकडाउन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि दुकानों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारी और मजदूर अपने गावों की ओर पलायन नहीं करेंगे, क्योंकि यह अल्पअवधि का है। पिछले साल बड़ा लॉकडाउन लगने से बड़ी संख्या में कर्मचारी और मजदूर अपने गावों की ओर पलायन कर गए थे। सीटीआइ के अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल बताया कि दिल्ली सरकार ने छह दिन का लॉकडाउन लगाकर बहुत ही संतुलित निर्णय लिया है।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से हमने दिल्ली के तमाम व्यापारियों से इसको लेकर रायशुमारी की थी और दिल्ली के 90 फीसद व्यापारियों ने मांग की थी कि दिल्ली में पांच से सात दिन का लॉकडाउन लगना चाहिए। द बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन, कूचा महाजनी के अध्यक्ष योगेश सिंघल ने कहा कि सरकार पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं। उसे बेहतर तरीके से पता है कि कब क्या निर्णय लेना है। ऐसे में व्यापारी वर्ग सरकार के हर फैसले के साथ है। लॉकडाउन लगाया गया है यह अच्छी बात है।

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