Delhi: सशस्त्र सीमा बल को मानक बदलने के निर्देश नहीं दे सकते - कोर्ट

Delhi सशस्त्र सीमा बल की नौकरी से बर्खास्त किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल एक विशिष्ट केंद्रीय बल है और इसके प्रशिक्षण के मानकों को निर्देश नहीं दिया जा सकता।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 02:14 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 02:14 PM (IST)
Delhi: सशस्त्र सीमा बल को मानक बदलने के निर्देश नहीं दे सकते - कोर्ट
पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश को बरकरार रखते हुए याचिका को खारिज किया जाता है।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की नौकरी से बर्खास्त किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल एक विशिष्ट केंद्रीय बल है और इसके प्रशिक्षण के मानकों को हल्का करने का केंद्र सरकार को निर्देश नहीं दिया जा सकता। 

पीठ ने कहा कि अगर प्रशिक्षण के लिए निर्धारित दो वर्ष पूरे होने के बाद भी एक और मौका देने की याचिकाकर्ता रवि रंजन कुमार की दलील को मान लिया गया, तो इससे भविष्य में भर्ती होने वाले जवानों के प्रशिक्षण में लंबा समय लगेगा। नतीजतन, केंद्र सरकार युद्ध के लिए लंबे समय तक सक्षम सैनिकों की तैनाती नहीं कर सकेगी और सशस्त्र सीमा बल जैसे केंद्रीय बलों के गठन का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकेगा। 

पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से अपनाई गई प्रक्रिया में कोई अवैधता नहीं है, क्योंकि याचिकाकर्ता को बर्खास्त करने से पहले उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश को  बरकरार रखते हुए याचिका को खारिज किया जाता है। 

पीठ ने सुनवाई के दौरान 25 जुलाई, 2017 को जारी किए नियुक्ति पत्र की शर्तो को भी रिकार्ड पर लिया, जिनमें स्पष्ट किया गया था कि सशस्त्र सीमा बल के मूल भर्ती प्रशिक्षण कोर्स को दो वर्ष में पूरा करना होगा और दो से अधिक मौके नहीं दिए जाएंगे। 

याचिकाकर्ता रवि रंजन कुमार ने उन्हें बर्खास्त करने के 17 फरवरी, 2020 के कार्यालय आदेश को चुनौती दी थी। उन्होंने दलील दी थी अस्वस्थ होने के कारण वे दो वर्ष में प्रशिक्षण पूरा नहीं कर सके। उन्होंने मांग की थी कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि स्वास्थ्य ठीक होने के बाद उन्हें प्रशिक्षण पूरा करने का मौका दे। याचिका के अनुसार भर्ती प्रशिक्षण के दौरान 18 सितंबर, 2017 में रवि रंजन को चोट लगी थी और इसके कारण वे समय पर प्रशिक्षण पूरा नहीं कर सके थे। 

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