दिल्ली दंगा : चार मामलों में आरोप तय करने के बाद कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत

नसीरूद्दीन की मशीन रिपेयरिंग की दुकान में दंगाइयों ने तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी। इस मामले में दर्ज मुकदमे में घर में लूटपाट करने और केले के गोदाम में तोड़फोड़ कर ई-रिक्शा को आग लगाने की दो शिकायतों को जोड़ दिया गया था।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 07:10 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 07:10 AM (IST)
दिल्ली दंगा : चार मामलों में आरोप तय करने के बाद कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत
नसीरूद्दीन की मशीन रिपेयरिंग की दुकान में दंगाइयों ने तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी।

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दंगे के दौरान करावल नगर इलाके में लूटपाट और आगजनी के चार मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित प्रवीन गिरी पर आरोप तय किए हैं। सभी में आरोपित ने ट्रायल की मांग की है। इन मामलों में कोर्ट ने आरोपित को यह कहते हुए जमानत भी दे दी कि अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के इंतजार में उक्त आरोपित को अनिश्चित समय के लिए सलाखों के पीछे नहीं रखा जा सकता।

पिछले साल फरवरी में दंगे के दौरान करावल नगर इलाके में नसीरूद्दीन की मशीन रिपेयरिंग की दुकान में दंगाइयों ने तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी। इस मामले में दर्ज मुकदमे में घर में लूटपाट करने और केले के गोदाम में तोड़फोड़ कर ई-रिक्शा को आग लगाने की दो शिकायतों को जोड़ दिया गया था। इसी क्षेत्र में एसईएस पब्लिक स्कूल में आग लगाने का अलग मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके अलावा दुकान, घर और क्लीनिक में लूटपाट व आगजनी के दो मुकदमे दर्ज हुए थे।

चारों मामलों में अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेेष लोक अभियोजक नितिन राय शर्मा व आरसीएस भदोरिया ने चश्मदीद गवाह, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और दंगे में पहने कपड़ों की बरामदगी को लेकर जोरदार पक्ष रखा। इनको आधार मानते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के कोर्ट ने आरोपित प्रवीन गिरी के खिलाफ चारों मामलों में 143 (गैर कानूनी समूह का सदस्य होने), 147 (दंगा करने), 148 (घातक हथियार इस्तेमाल करने), 149 (गैर कानूनी समूह में समान मंशा से अपराध करने), और 380 (चोरी करने) के तहत आरोप तय कर दिए। लेकिन, कोर्ट ने चारों को भादसं की धारा 436 (संपत्ति या उपासना स्थल को आग लगाने) और 454 (छुप कर गृह-भेदन करना) के तहत आरोप तय किए हैं। कुछ मामलों में उसे भादसं की धारा 392 (लूटपाट करने), 435 (दस रुपये या उससे अधिक का नुकसान करने), 427 (पचास रुपये से अधिक की हानि करने) और 380 (चोरी करने) का आरोपित भी माना गया है। यह आरोपित करीब डेढ़ साल से न्यायिक हिरासत में है।

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