दिल्ली दंगा मामले में कोर्ट ने लगाई पुलिस को फटकार, कहा- जांच में प्रगति न होना खेदजनक स्थिति
दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि केस दर्ज होने के महीनों बाद भी जांच में कोई प्रगति न होना पुलिस के लिए बहुत खेदजनक स्थिति है। यह टिप्पणी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने की।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि केस दर्ज होने के महीनों बाद भी जांच में कोई प्रगति न होना पुलिस के लिए बहुत खेदजनक स्थिति है। यह टिप्पणी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के कोर्ट ने की। कड़कड़डूमा कोर्ट के आदेश पर नासिर अहमद नाम के व्यक्ति की शिकायत पर 21 जून 2021 गोलकपुरी थाने में केस दर्ज हुआ था।
पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा था कि 24 और 25 फरवरी 2020 को उत्तर पूर्वी जिले में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, गोकलपुरी टोल नाके के पास भी लोग दंगा कर रहे थे। 24 फरवरी को भीड़ ने एक विशेष समुदाय के लोगों को अपना निशाना बनाया, उन्हें मारा पीटा और उनके वाहनों को आग लगा दी। वहां उनका भी गोदाम था। भीड़ में शामिल लोगों ने उनके गोदाम और उसमें खड़ी तीन मोटरसाइकिलों को आग लगा दी थी। उन्होंने कई बार पुलिस को फाेन किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। हारकर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
पीड़ित के वकील ने कोर्ट को बताया कि केस दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने कोई जांच नहीं की। इसपर कोर्ट ने कहा कि यह वास्तव में खेदजनक स्थिति है। इस मामले पर न तो दिल्ली पुलिस आयुक्त का ध्यान गया और न ही दंगे के मामलों में जांच की निगरानी के लिए गठित नवगठित विशेष जांच प्रकोष्ठ का। कोर्ट ने अभियोजक को अगली सुनवाई में पुलिस द्वारा की गई जांच के बारे में कोर्ट को बताने का निर्देश दिया।
बैरक से बाहर निकलने को लेकर मंडोली जेल में कैदियों ने काटा बवाल
वहीं, मंडोली जेल में बंद कैदियों ने सोमवार शाम को जमकर बवाल काटा। 25 कैदियों ने बैरक से बाहर निकलने के लिए सलाखों और दीवारों में सिर पटक-पटकर खुद को घायल कर लिया। जेलकर्मियों को हल्का बल प्रयाेग कर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा। कई कैदी घायल हाे गए, जिन्हें जेल की डिस्पेंसरी में भर्ती करवाना पड़ा। एक कैदी को अधिक चोटें आने की वजह से जीटीबी अस्पताल रेफर किया गया, इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। जेल प्रशासन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल कर मामले की जांच कर रहा है।