दिल्ली दंगा : देवांगना, नताशा और आसिफ नहीं आ सके जेल से बाहर

हाईकोर्ट के आदेश पर तत्काल रिहाई के लिए कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी की कोर्ट में दायर अर्जी पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि आरोपितों और जमानतियों का सत्यापन पूरा नहीं हो पाया है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 08:10 AM (IST)
दिल्ली दंगा : देवांगना, नताशा और आसिफ नहीं आ सके जेल से बाहर
हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद बुधवार को जेल से बाहर नहीं आ सके।

नई दिल्ली, जागरण संवा्ददाता। दिल्ली दंगे की साजिश रचने के मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य देवांगना कलीता, नताशा नरवाल और जामिया मिलिया इस्लामिया का छात्र आसिफ इकबाल तन्हा हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद बुधवार को जेल से बाहर नहीं आ सके। हाईकोर्ट के आदेश पर तत्काल रिहाई के लिए कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी की कोर्ट में दायर अर्जी पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि आरोपितों और जमानतियों का सत्यापन पूरा नहीं हो पाया है। उसके लिए वक्त चाहिए। इस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए गुरुवार को सुनवाई तय की है।

दिल्ली दंगे में गयी थी 53 लोगों की जान

गत वर्ष उत्तर पूर्वी दिल्ली मं दंगे हुए थे। जिसमें आइबी कर्मी अंकित शर्मा, हेडकांस्टेबल रतनलाल समेत 53 लोगों की जान गई थी। 550 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसी दंगे की साजिश के मामले में देवांगना कलीता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। पिछले वर्ष अक्टूबर में इन आरोपितों ने जमानत के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट में दो अर्जियां दायर की थीं। जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था। इन आरोपितों ने जमानत के लिए हाल में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट ने तीनों आरोपितों पर यूएपीए लगाने को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए उनको जमानत दे दी थी। वहां से जमानत मिलते ही तीनों ने तत्काल रिहाई आदेश के लिए कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी की कोर्ट का रुख किया था। इस कोर्ट ने तत्काल रिहाई न देते हुए दिल्ली पुलिस से बुधवार दोपहर एक बजे तक आरोपितों और इनकी जमानत देने वाले जमानतियों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी थी।

बुधवार को इस मामले में हुई वर्चुअल सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि देवांगना असम में डिब्रूगढ़, नताशा हरियाणा में रोहतक और आसिफ इकबाल तन्हा झारखंड का रहने वाला है। इसके अलावा छह जमानती हैं। इनमें से कुछ ही आरोपितों और जमानतियों का सत्यापन हो पाया है। बाकी का सत्यापन पूरा करने के लिए वक्त चाहिए। इस पर आरोपितों के वकील ने 24 घंटे में सत्यापन किए जाने को लेकर पक्ष रखा। दोनों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए गुरुवार को सुनवाई की तारीख तय कर दी।

जमानतियों में वृंदा करात भी शामिल

इन आरोपितों के जमानतियों में सीपीआइ (एम) नेता वृंदा करात भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि वृंदा करात के पते का भी दो बार सत्यापन किया गया है। अन्य का भी सत्यापन किया जा रहा है। बता दें कि इस मामले की सुनवाई से कोर्ट ने मीडिया कर्मियों को दूर रखा।

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