दिल्ली दंगा : घर जलाने के मामले में कोर्ट ने तीन आरोपितों पर तय किए आरोप
फरवरी में गोकलपुरी इलाके के भागीरथी विहार मुख्य नाला रोड स्थित सी-ब्लाक में दंगाइयों ने अफजाल सैफी के घर चोरी करने के बाद तोड़फोड़ की थी। उसके बाद दंगाइयों ने उनके घर में आग लगा दी थी। इसमें उनकी मोटरसाइकिल भी जल गई थी।
नई दिल्ली, आशीष गुप्ता। दिल्ली दंगे के दौरान गोकलपुरी इलाके में चोरी करने के बाद घर जलाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने तीन आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के कोर्ट ने कहा कि आराेपित के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं। वहीं, आरोपितों ने खुद को बेकसूर बताते हुए ट्रायल की मांग की है।
घर में चोरी के बाद तोड़फोड़ की इसके बाद लगा दी थी आग
गत वर्ष फरवरी में गोकलपुरी इलाके के भागीरथी विहार मुख्य नाला रोड स्थित सी-ब्लाक में दंगाइयों ने अफजाल सैफी के घर चोरी करने के बाद तोड़फोड़ की थी। उसके बाद दंगाइयों ने उनके घर में आग लगा दी थी। इसमें उनकी मोटरसाइकिल भी जल गई थी।
सरकारी आदेश का उल्लंघन एवं आगजनी का आरोप तय
इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के कोर्ट ने आरोपित दिनेश यादव उर्फ माइकल, साहिल उर्फ बाबू और संदीप उर्फ मोगली पर गैर कानूनी समूह बनाने, उपद्रव करने, घातक हथियारों का उपयोग करने, चोरी करने, सरकारी आदेशों का उल्लंघन और आगजनी करने का आरोप तय किया है। सक्षम प्राधिकारी से अनुमति न होने के कारण आरोपितों को सौहार्द बिगाड़ने का आरोपित नहीं माना है।
पुलिस पर लगा गवाहों के बयानों को दरकिनार करने का आरोप
बचाव पक्ष ने दलील दी कि जांच एजेंसी ने मुकदमा दर्ज करने में देरी की। जो वीडियो इस केस में दिखाया गया, वह दूसरे मुकदमे से जुड़ा है। उन्होंने पुलिस के गवाहों पर संदेह जताते हुए कहा कि दोनों कांस्टेबलों ने घटना की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को काल करके नहीं दी थी। वहीं अभियोजन पक्ष ने वीडियो क्लिप को आधार बनाते हुए दंगे में आरोपितों की सक्रियता पर जोर दिया। दोनों की दलील पर कोर्ट ने कहा कि इस स्टेज पर पुलिस के गवाहों के बयानों को दरिकनार नहीं किया जा सकता।