दिल्ली दंगा: चार लोगों पर पांच धाराओं में आरोप तय, गोकलपुरी इलाके का मामला

24 फरवरी को गोकलपुरी इलाके में शिव विहार तिराहा चमन पार्क ए-ब्लाक में शर्मा इलेक्ट्रिकल्स को दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया था। दंगाई दुकान से सामान चोरी करने के साथ गल्ले में रखी कार की चाबी भी ले गए थे।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 06:45 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 06:45 AM (IST)
दिल्ली दंगा: चार लोगों पर पांच धाराओं में आरोप तय, गोकलपुरी इलाके का मामला
गोकलपुरी क्षेत्र में दंगाइयों ने बिजली के सामान की दुकान को नुकसान पहुंचाया था और चोरी की थी।

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे में गोकलपुरी क्षेत्र में दुकान व शोरूम को नुकसान पहुंचाने और चोरी के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के कोर्ट ने चार आरोपितों पर पांच धाराओं में आरोप तय किए हैं। जबकि आगजनी व सरकारी आदेश न मानने के दो आरोपों को मानने से इन्कार करते हुए मामले को ट्रायल के लिए मुख्य महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट में भेज दिया।

गत वर्ष 24 फरवरी को गोकलपुरी इलाके में शिव विहार तिराहा चमन पार्क ए-ब्लाक में शर्मा इलेक्ट्रिकल्स को दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया था। दंगाई दुकान से सामान चोरी करने के साथ गल्ले में रखी कार की चाबी भी ले गए थे। इसके अलावा एक शोरूम के ताले तोड़ने और रिक्शा जलाने की शिकायत पुलिस को मिली थी। तीनों घटनाओं को जोड़ कर एक मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में मुहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, राशिद उर्फ राजा, शाहरुख और मुहम्मद शोएब को आरोपित बनाया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के कोर्ट में आरोप तय करने को लेकर हुई सुनवाई के दौरान आरोपितों की तरफ से अधिवक्ता दिनेश तिवारी और सलीम मालिक ने मुवक्किलों को झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया।

वहीं अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक डीके भाटिया ने राजधानी पब्लिक स्कूल की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज का हवाला देते हुए दंगे में आरोपित मुहम्मद शोएब, शाहरुख और राशिद सक्रियता पर जोर दिया। इस फुटेज में तीनों के हाथ में डंडा था। दोनों की पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने मुहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, राशिद उर्फ राजा, शाहरुख और मुहम्मद शोएब पर भादसं की धारा 147 (दंगा करने), 148 (घातक हथियार इस्तेमाल करने), 149 (गैर कानूनी समूह में समान मंशा से अपराध करने), 427 (पचास रुपये से अधिक की हानि करने) और 380 (चोरी करने) के तहत आरोप तय कर दिए। लेकिन कोर्ट ने चारों को भादसं की धारा 436 (संपत्ति या उपासना स्थल को आग लगाने) और धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन करने) के तहत आरोपित नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों ने शिकायत और पूरक बयान में कहीं भी दुकान व शोरूम जलने का जिक्र नहीं किया है। रिक्शा जलने और पुलिस कर्मियों के बयान पर आगजनी की धारा नहीं लगाई जा सकती है। सरकारी आदेशों के उल्लंघन का आरोपित न मानते हुए कोर्ट ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी से अनुमति नहीं ली गई है।

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