Delhi Riots 2020: दंगाइयों से हर्जाना वसूलने में सर्वेयर की कमी आ रही आड़े

पांच सर्वेयर के जिम्मे है 2500 से अधिक आवेदनों का आकलन क्लेम कमिश्नर ने दिल्ली सरकार से मांगे 20 अतिरिक्त सर्वेयर। उसके बाद हाई कोर्ट की तरफ से आदेश पारित किया जाएगा कि किससे कितना हर्जाना वसूला जाए।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:44 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:44 AM (IST)
Delhi Riots 2020: दंगाइयों से हर्जाना वसूलने में सर्वेयर की कमी आ रही आड़े
पांच सर्वेयर 50 आवेदनों का आकलन कर रहे हैं।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध की आड़ में हुए दंगे को एक साल बीत गया है, लेकिन सरकारी व निजी संपत्तियों को हुए नुकसान के आकलन का काम पूरा नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दिल्ली में भी हर्जाना दंगाइयों से वसूलने के लिए दिल्ली पुलिस की मांग पर हाई कोर्ट ने पांच महीने पहले सेवानिवृत्त जज सुनील गौड़ को क्लेम कमिश्नर नियुक्त किया था। लेकिन सिर्फ पांच सर्वेयरों के कारण आवेदनों का आकलन नहीं किया जा सका है। शुक्रवार को क्लेम कमिश्नर ने दिल्ली सरकार के गृह सचिव को पत्र लिखकर 20 और सर्वेयर नियुक्ति करने का अनुरोध किया है। क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति छह महीने के लिए ही थी। यह अवधि 12 अप्रैल को पूरी हो रही है। माना जा रहा है कि उनका कार्यकाल और छह माह बढ़ाने के लिए जल्द उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा जाएगा।

क्लेम कमिश्नर के लिए आइटीओ स्थित पुराने पुलिस मुख्यालय में कार्यालय बनाया गया है। उनके पास 2,000 पुरानी और 500 नई शिकायतें हैं। नई शिकायतों के मामले में दिल्ली सरकार की तरफ से मुआवजा जारी किया जा चुका है, लेकिन पीड़ित मुआवजे की राशि से संतुष्ट नहीं है। दंगे में कई सरकारी विभागों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था, लेकिन अबतक अग्निशमन विभाग, दिल्ली परिवहन निगम व दिल्ली पुलिस समेत कुछ चंद विभागों ने ही नुकसान संबंधी लेखा-जोखा क्लेम कमिश्नर को सौंपा है।

क्लेम कमिश्नर नियुक्त करने के लिए दिल्ली पुलिस ने पहले 28 सितंबर को खुद ही दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिख अनुरोध किया था। इसपर रजिस्ट्रार जनरल ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग के जरिये आवेदन करने का सुझाव दिया था। इस प्रक्रिया में कई महीने लग गए। इसके बाद अक्टूबर 2020 के अंत में क्लेम कमिश्नर नियुक्त किया गया। इसके बाद क्लेम कमिश्नर ने दिल्ली सरकार को सर्वेयर की नियुक्ति करने के लिए अनुमति मांगी। इसमें भी दो-तीन महीने लग गए। पिछले महीने पांच सर्वेयर नियुक्त किए गए।

सुनील गौड़ का कहना है कि पांच सर्वेयर से आवेदनों का निपटारा करने में दो-तीन साल से ज्यादा समय लग जाएगा। इसलिए 20 और सर्वेयर नियुक्त किए जाने की मांग की गई है। फिलहाल पांच सर्वेयर 50 आवेदनों का आकलन कर रहे हैं। उम्मीद है कि एक महीने के अंदर 20 और सर्वेयर मिल जाएंगे। उसके बाद आकलन अगले छह माह से पहले कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी आवेदनों का आकलन करने के बाद वह पूरी रिपोर्ट बनाकर हाई कोर्ट को सौंप देंगे। 

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