दिल्ली दंगा : कोर्ट से झूठ बोलने पर आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

दिल्ली दंगे के दौरान युवक पर जानलेवा करने के मामले में शनिवार को कोर्ट ने आरोपित इकबाल खान की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह कहते हुए कि आरोपित ने अपनी अर्जी में झूठ बोला कि उस पर पूर्व में कोई मुकदमा नहीं है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:11 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 07:11 PM (IST)
दिल्ली दंगा : कोर्ट से झूठ बोलने पर आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
दंगे की साजिश को उजागर करने के लिए आरोपित से न्यायिक हिरासत में पूछताछ जरूरी है।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली दंगे के दौरान युवक पर जानलेवा करने के मामले में शनिवार को कोर्ट ने आरोपित इकबाल खान की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह कहते हुए कि आरोपित ने अपनी अर्जी में झूठ बोला कि उस पर पूर्व में कोई मुकदमा नहीं है। जबकि न्यू उस्मानपुर थाना क्षेत्र में उसके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा पंजीकृत है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि दंगे की साजिश को उजागर करने के लिए आरोपित से न्यायिक हिरासत में पूछताछ जरूरी है। 

गत वर्ष 25 फरवरी को न्यू उस्मानपुर इलाके में करतार नगर के पास पहाड़ी वाली गली रमन नामक व्यक्ति पर जानलेवचा हमला किया गया था। 15-20 दंगाइयों ने उन पर तलवार और डंडों से वार किया था। इस मामले में आरोपित इकबाल खान ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। शनिवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि सीसीटीवी कैमरे में आरोपित दंगाई भीड़ में खड़ा दिखाई दे रहा है।

उसके एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में लोहे का पाइप स्पष्ट नजर आ रहा है। कोर्ट को यह भी बताया कि आरोपित जांच में सहयोग नहीं कर रहा। जानबूझ कर फरार चल रहा है। पुलिस ने उसके घर और पैतृक आवास लखीमपुर खीरी में दबिश दी थी। वहां से भी वह फरार हो गया था। आरोपित के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका है। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कहा कि आरोपित ने अग्रिम जमानत अर्जी में गलत जानकारी दी है कि उसके खिलाफ पहले कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।

जबकि, वर्ष 2014 में उसके खिलाफ न्यू उस्मानपुर थाने में सामूहिक दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज है। वहीं बचाव पक्ष ने कहा कि इकबाल खान को झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह कहते हुए कि युवक रमन पर सिर्फ इसलिए हमला किया गया कि वह दूसरे समुदाय से था। आरोपित ने उसके खिलाफ पूर्व में कोई मुकदमा न होने की जानकारी देकर कोर्ट से झूठ बाेला है। 

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