प्रेम नगर में 18 महीने पहले बनी सड़क हुई जर्जर, नाले का पानी भरा होने से लोगों की आवाजाही मुश्किल

किराड़ी के प्रेम नगर पार्ट-3 के चालीस फुटा रोड की हालत लंबे समय से खराब है। दुर्गा चौक से लेकर रेलवे फाटक तक की सड़क अधिक जर्जर हालत में है जबकि इसका निर्माण महज 18 महीने पहले किया गया था।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 04:09 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 04:09 PM (IST)
प्रेम नगर में 18 महीने पहले बनी सड़क हुई जर्जर, नाले का पानी भरा होने से लोगों की आवाजाही मुश्किल
लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। किराड़ी के प्रेम नगर पार्ट-3 के चालीस फुटा रोड की हालत लंबे समय से खराब है। दुर्गा चौक से लेकर रेलवे फाटक तक की सड़क अधिक जर्जर हालत में है, जबकि इसका निर्माण महज 18 महीने पहले किया गया था। सड़क पर मौजूद बड़े-बड़े गड्ढे और उसमें भरा नाले के पानी ने इस सड़क के यातायात को ठप कर दिया है। इसके कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

आए दिन मोटर साइकिल और स्कूटर चालक गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। लंबे समय से लोग सड़क की दशा को सुधारने की मांग कर रहे हैं। लोगों के अनुसार पिछले पांच महीनों में सड़क अधिक खस्ताहाल हो गई है, लेकिन शिकायतों के बावजूद इसे ठीक करने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। किराड़ी दुर्गा जनसेवा ट्रस्ट के संस्थापक रामदयाल माथुर ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर सड़क की तत्काल मरम्मत या निर्माण कार्य करने की मांग की गई है लेकिन अबतक किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली है। पूरे किराड़ी में सीवर लाइन डालने का कार्य चल रहा है। चालीस फुटा रोड और दुर्गा चौक रोड पर सीवर निर्माण कार्य जारी है। इसके पूरा होने के बाद ही सड़क की मरम्मत और निर्माण कार्य किया जाएगा। संजय कुमार, अधिशासी अभियंता, बाढ़ नियंत्रण विभाग। सड़क में गड्ढों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। लोगों का पैदल चलना तो दूर वाहनों से आवागमन भी मुश्किल हो गया है। इसे जल्द ठीक करना चाहिए। रामाकांत यादव, स्थानीय निवासी। बारिश हो या न हो सड़क के गड्ढों में पानी भरा रहता है। नालियों की निकासी नहीं होने से यह समस्या आ रही है। कुछ महीनों में सड़क की ऐसी हालत भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करता है। -शंभू सिंह, स्थानीय निवासी। बुजुर्गों व बच्चों को अक्सर गड्ढों से भरे इस रास्ते पर चलते हुए चोट लग जाती है। लोगों का अपने गंतव्य तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है क्योंकि यहां घर से बाहर निकलना भी दूभर है। राजीव झा, स्थानीय निवासी।

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