Covid-19: खत्म हो रही थी ऑक्सीजन, देवदूत बनी पुलिस; बचाई 35 कोरोना मरीजों की जान

मनसा राम अस्पताल के निदेशक राजेश डबास ने पुलिस को फोन कर बताया कि उनके अस्पताल में 35 कोरोना मरीज ऑक्सीजन पर हैं। अस्पताल में सिर्फ एक घंटे की ऑक्सीजन बचने की बात कहते हुए उन्होंने पुलिस से ऑक्सीजन मुहैया कराने का निवेदन किया

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 03:26 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 03:26 PM (IST)
Covid-19: खत्म हो रही थी ऑक्सीजन, देवदूत बनी पुलिस; बचाई 35 कोरोना मरीजों की जान
एक घंटे के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाकर 35 मरीजों को नया जीवन दिया।

 नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना के कहर को थामने के लिए लागू किए गए वीकेंड कर्फ्यू में दिल्ली पुलिस दो रूपों में नजर आई। पहली भूमिका में पुलिस नियमों का पालन कराने में जहां सख्ती करती दिखाई दी वहीं उसने मुसीबत में फंसे लोगों को मदद भी पहुंचाई। एक अस्पताल में तो उसने एक घंटे के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाकर 35 मरीजों को नया जीवन दिया। दरअसल, रविवार दोपहर डेढ़ बजे नांगलोई नजफगढ़ रोड पर स्थित मनसा राम अस्पताल के निदेशक राजेश डबास ने पुलिस को फोन कर बताया कि उनके अस्पताल में 35 कोरोना मरीज ऑक्सीजन पर हैं। अस्पताल में सिर्फ एक घंटे की ऑक्सीजन बचने की बात कहते हुए उन्होंने पुलिस से ऑक्सीजन मुहैया कराने का निवेदन किया।

सूचना से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया गया। बाहरी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुधांशु धामा ने अधिकारियों के साथ समन्वय कर निहाल विहार थाने की दो टीमों को मुंडका और बवाना में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। लगभग बीस ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने के बाद पुलिस टीम ने इन्हें अस्पताल पहुंचाया। ऑक्सीजन मिलने के बाद अस्पताल के निदेशक ने पुलिस को धन्यवाद दिया।

छात्रा की गुहार पर तुरंत पहुंचाई मदद

छत्तीसगढ़ की रहने वाली प्रतिक्षा ओल्ड राजेंद्र नगर में किराए के कमरे में रहती हैं। वह यूपीएससी की तैयारी कर रही है। प्रतिक्षा ने एसीपी करोल बाग को संदेश भेजकर कहा कि वह कोरोना से संक्रमित है और चल नहीं पा रही है। उन्हें भोजन और कुछ दवाइयों की जरूरत हैं। ऐसे में सिपाही नरेंद्र छात्रा के लिए भोजन और दवाई लेकर पहुंचे।

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