जासूसी मामले में दिल्ली पुलिस ने कसा शिकंजा, जल्द हो सकती हैं चार और गिरफ्तारी
जासूसी कांड में क्राइम ब्रांच जल्द ही चार और गिरफ्तारी कर सकती है। इसमें सेना के दो जवान भी शामिल बताए जा रहे हैं जिनकी तैनाती आगरा में है। क्राइम ब्रांच फिलहाल इन दोनों जवानों के साथ ही अन्य के बारे में सुबूत जुटा रही है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जासूसी कांड में क्राइम ब्रांच जल्द ही चार और गिरफ्तारी कर सकती है। इसमें सेना के दो जवान भी शामिल बताए जा रहे हैं, जिनकी तैनाती आगरा में है। क्राइम ब्रांच फिलहाल इन दोनों जवानों के साथ ही अन्य के बारे में सुबूत जुटा रही है। दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए राजस्थान के बीकानेर निवासी हबीब-उर-रहमान और सेना के आगरा कैंट में तैनात लांस नायक परमजीत सिंह से पूछताछ में क्राइम ब्रांच को अहम जानकारी मिली है। इसके बाद दोनों को पोखरण, आगरा और बीकानेर ले जाकर जांच पड़ताल की गई है, जहां से क्राइम ब्रांच को कुछ अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।
हबीब-उर- रहमान पोखरण में सेना को ठेके पर रसद व मीट आपूर्ति करने का काम करता था, जबकि परमजीत सिंह आगरा में तैनात था। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में क्राइम ब्रांच को पता चला है कि आगरा कैंट में परमजीत सिंह के साथ सेना के दो और जवान जुड़े हुए थे, जिनके सहयोग से वह जासूसी कांड को अंजाम दे रहा था।
वहीं हबीब-उर-रहमान के बीकानेर निवासी कुछ साथी भी इस मामले में मदद कर रहे थे। इनके बारे में क्राइम ब्रांच को अहम जानकारी मिली है। फिलहाल, क्राइम ब्रांच यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इन लोगों का जासूसी कांड में गिरफ्तार इन दोनों आरोपितों से किस हद तक संबंध हैं। इसके साथ ही पुख्ता सुबूतों के आधार पर ही क्राइम ब्रांच गिरफ्तारी की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक दोनों को इसी सिलसिले में पिछले दिनों पोखरण, बीकानेर व आगरा कैंट ले जाया गया।
पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों ने पाकिस्तान का वीजा व मोटी रकम देने का हबीब-उर-रहमान को लालच दिया था। इसके बाद उसने सेना से जुड़े दस्तावेज आइएसआइ व हैंडलरों को वाट्स एप व इंस्टाग्राम के जरिए मुहैया कराने लगा था। उसने जासूसी के लिए आगरा कैंट में तैनात परमजीत सिंह को साजिश में शामिल कर लिया था। दस्तावेज मुहैया कराने के बाद हबीब-उर-रहमान परमजीत को हर महीने एक लाख रुपये देता था। पुलिस के मुताबिक परमजीत को सेना से बर्खास्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। क्राइम ब्रांच पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की भूमिका के बारे में भी गहराई से जांच कर रही है।