Remdesivir Injection FRAUD: रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए 23 लोगों से लिए थे 7.50 लाख रुपये, विदेशी नागरिक गिरफ्तार
Remdesivir Injection FRAUD बाहरी दिल्ली पुलिस ने एक विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है जिसने 23 लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के नाम पर 7 लाख 50 हजार रुपये की भारी भरकम ठग ली लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की कालाबाजारी जारी है। महामारी के दौरान ठग मुंह मांगी कीमत में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहे हैं। अब इस ठगी में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बेचे जा रहे हैं। ताजा मामले में बाहरी दिल्ली पुलिस ने एक विदेशी नागरिक को को गिरफ्तार किया है, जिसने 23 लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के नाम पर 7 लाख 50 हजार रुपये ठग लिए, लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया। इस विदेशी नागरिक के पास पुलिस ने 10 सिम कार्ड, 5 मोबाइल फोन के साथ 40 लोगों के नाम और नंबर भी बरामद किया है।
बता दें कि कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही देश के कई स्थानों पर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बुरी तरह से चरमरा गई हैं। इसी के साथ ही कई जगहों पर लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर ऑक्सीजन तक के लिए तरसना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण से चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है, ऐसे में इस महामारी में संजीवनी माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी धड़ल्ले से जारी है। ज्यादातर राज्यों में पुलिस के लाख प्रयासों के बावजूद इसकी कालाबाजारी पर रोक नहीं लग पा रही है।
यहां पर बता दें कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को हेपेटाइटिस सी और सांस संबंधी वायरस (RSV) का इलाज करने के लिए एक अमेरिकी दवा कंपनी मैसर्स गिलियड साइंसेज ने बनाया था। वर्तमान में देश में सात भारतीय कंपनियां मैसर्स गिलियड साइंसेज के साथ स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत रेमेडिसविर का उत्पादन कर रही हैं। उनके पास प्रति माह लगभग 38.80 लाख यूनिट दवा का उत्पादन करने की क्षमता है। हालांकि, आज तक इस बात का कोई सबूत नहीं है मिला कि इस दवा कोरोनोवायरस को ठीक करने में मदद करती है।