Delhi Oxygen Crisis: 35 मिनट में अस्पताल को ऑक्सीजन उपलब्ध कराकर बचाई गई 92 मरीजों की जान
छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट बना हुआ है। बृहस्पतिवार को दक्षिणी दिल्ली के हमदर्द नगर में मजीदिया अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने की नौबत आ गई। हालांकि इमरजेंसी काल के बाद 35 मिनट में अस्पताल को ऑक्सीजन उपलब्ध कराकर 92 मरीजों की जान बचा ली गई।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में भले ही ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ने के बावजूद छोटे अस्पतालों में आक्सीजन का संकट बना हुआ है। बृहस्पतिवार को दक्षिणी दिल्ली के हमदर्द नगर में मजीदिया अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने की नौबत आ गई। हालांकि इमरजेंसी काल के बाद 35 मिनट में अस्पताल को ऑक्सीजन उपलब्ध कराकर 92 मरीजों की जान बचा ली गई। मजीदिया अस्पताल से ऑक्सीजन वार रूम को बृहस्पतिवार की शाम चार बजे ऑक्सीजन के लिए इमरजेंसी काल मिली। इसमें बताया कि अस्पताल के पास सिर्फ एक घंटे की ऑक्सीजन बची है, जबकि ऑक्सीजन मुहैया कराने वाली कंपनी फोन नहीं उठा रही है। ऐसे में 92 मरीजों की जान को खतरा पैदा हो गया है।
इस पर आइएएस विजय कुमार बिधूड़ी के नेतृत्व में टीम ने 35 मिनट के अंदर अस्पताल में पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराई । इसी तरह शाम के समय दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित इंडियन स्पाइन अस्पताल को भी इमरजेंसी काल पर दो टन ऑक्सीजन दी गई। दिल्ली को बढ़ी हुई ऑक्सीजन मिलने से इमरजेंसी काल में कमी आई है। बुधवार से पहले तक ऑक्सीजन वार रूम में रोजाना 40 से 50 इमरजेंसी काल आती थीं। वहीं बुधवार को मात्र 16 काल आईं।
इन सभी की परेशानी को दूर किया गया। इन अस्पतालों में 2777 ऑक्सीजन के बेड हैं। बाहरी दिल्ली में अभी है दिक्कत बाहरी दिल्ली इलाके के अस्पतालों में अभी भी ऑक्सीजन की दिक्कत बनी हुई है। रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल के कुछ वार्ड में ऑक्सीजन प्वाइंट नही हैं। वहां सिलेंडर से ऑक्सीजन दी जा रही है। यहां के हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी दी जा रही है कि ऑक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं हैं।
यमुनापार में दूर हो रहा संकट
यमुनापार के अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट दूर होता दिख रहा है। राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी और जीटीबी जैसे बड़े अस्पतालों को बेड के हिसाब से ऑक्सीजन मिली है। इसी तरह से छोटे अस्पतालों को भी सिलेंडर भरवाने में दिक्कत नहीं आई। जीटीबी अस्पताल के कोरोना मामलों के नोडल प्रभारी डा. एके जैन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में स्थिति ठीक हुई है।