Delhi News: हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिए शुरू की नई व्यवस्था

हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा है कि जब कोई पीठ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर रही है तो अधिवक्ता पूर्व सूचना देकर मामले की वर्चुअल सुनवाई का विकल्प चुन सकता है। फिजिकल तरीके से दोबारा सुनवाई शुरू करने से संबंधित अपने आदेश में संशोधन किया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 12:43 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 12:43 PM (IST)
Delhi News: हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिए शुरू की नई व्यवस्था
कोर्ट ने फिजिकल तरीके से दोबारा सुनवाई शुरू करने से संबंधित अपने 14 जनवरी के आदेश में संशोधन किया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर होने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अब अधिवक्ता पर निर्भर करेगा कि वह अदालत में बहस करना चाहता है या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिरह करना चाहता है। हालांकि, इसके लिए पहले से सूचित करना होगा। 

हाई कोर्ट ने प्रशासनिक आदेश जारी कर कहा है कि जब कोई पीठ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर रही है, तो अधिवक्ता पूर्व सूचना देकर मामले की वर्चुअल सुनवाई का विकल्प चुन सकता है। कोर्ट ने फिजिकल तरीके से दोबारा सुनवाई शुरू करने से संबंधित अपने 14 जनवरी के आदेश में संशोधन किया है।

नए आदेश के तहत मामलों की सुनवाई फिजिकल तरीके से करने के लिए न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया था। अब किसी मामले में एक पक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हो सकेगा, जबकि दूसरा पक्ष अदालत में मौजूद रहकर अपनी दलील पेश कर सकता है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल की अदालत में इस प्रणाली के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित करने के कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।

वर्चुअल तरीके से अधिवक्ताओं के सुनवाई में शामिल होने के लिए टीवी स्क्रीन लगाए गए हैं। इसके साथ ही न्यायमूर्ति व अधिवक्ता के बीच एक शीशे की दीवार बनाई गई है और बातचीत को सुनने के लिए माइक्रोफोन लगाया गया है। एक ही समय पर वर्चुअल और फिजिकल दोनों तरीके से हो सकेगी सुनवाई, 14 जनवरी के आदेश में संशोधन किया गया है। 

दरअसल कोरोना की वजह से सभी कोर्टों में सुनवाई बंद हो गई थी, लगभग 5 माह तक कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पाई। कोर्ट ने वर्जुअल तरीके से सुनवाई की व्यवस्था थी मगर आम मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही थी। अब कोर्ट ने ये नई व्यवस्था की है जिससे मामलों का जल्द से जल्द निपटारा हो सके और कोर्ट में केसों की संख्या कम हो जाए। 

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