Delhi News: विश्वविद्यालय से बहेगी राेजगार की गंगोत्री- मनीष सिसोदिया

कोरोना महामारी के बाद अब देश के समक्ष बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है और इससे उबरने के लिए विश्वविद्यालयों को दिन के 24 घंटे यह सोचना है कि विद्यार्थी नौकरियों के पीछे न भागे बल्कि नौकरियों के अवसरों का सृजन करें।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 03:08 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 03:08 PM (IST)
Delhi News: विश्वविद्यालय से बहेगी राेजगार की गंगोत्री- मनीष सिसोदिया
नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद अब देश के समक्ष बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है और इससे उबरने के लिए विश्वविद्यालयों को दिन के 24 घंटे यह सोचना है कि विद्यार्थी नौकरियों के पीछे न भागे बल्कि नौकरियों के अवसरों का सृजन करें।

अगर विद्यार्थियों को किसी बहुराष्ट्रीय आईआईटी कंपनी में काम करने का अवसर मिलता भी है तो उनका उद्देश्य यही होना चाहिए कि वे कैसे भारतीय युवाओं के लिए नौकरियों के अवसरों को बढ़ाए। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर द्वारका सेक्टर-3 स्थित नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कही।

उन्होंने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि सपने वो नहीं है जो हम नींद में देखते है, सपने वो है जो हमको सोने नहीं देते है। केवल कुछ विद्यार्थियों को ही अच्छी नौकरी व पैकेज मिलने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं होगी। नेताजी के सपने को पूरा करने के लिए हमे दिन-रात एक करने की जरूरत है। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हर युवा को रोजगार के अच्छे साधन प्राप्त हो। इसके लिए जरूरी है कि सभी विश्वविद्यालय एक-दूसरे से सीखें। क्योंकि रोजगार की गंगोत्री विश्वविद्यालयों से ही बहेगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों नीति आयोग की रिपोर्ट में दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अब विश्वविद्यालयों की बारी है। दिल्ली के सभी विश्वविद्यालयों को अंतरर्राष्ट्रीय श्रेणी में लेकर आना है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ विद्यार्थियों को भी कड़ी मेहनत करनी होगी। शिक्षित व भ्रष्टाचार मुक्त भारत दिल्ली सरकार का विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक माध्यम है। अभी हमारे समक्ष कई चुनौतियां है और उन चुनौतियों से पार पाने के लिए काफी कुछ करना है।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी ने महाविद्यालय से विश्वविद्यालय के 37 साल के सफर पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों व लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताया। इस दाैरान प्रधान सचिव ट्रेनिंग एंड टैक्निकल एजुकेशन एच राजेश प्रसाद, विशेष सचिव अजीमुल हक, रजिस्ट्रार राजकुमार, मुकेश शर्मा व आस्था सिंह मौजूद रहे।

एपीजे अब्दुल कलाम लेक्चर हाल का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया में कालेज आना एक चुनौती है। पर लेक्चर हाल व यहां की व्यवस्था को देखकर ऐसा लगता है कि हम उसके लिए तैयार हो रहे है। अब विद्यार्थी किन्हीं भी परिस्थितियों में कक्षा में शारीक हो सकेंगे। आने वाले दिनों में इन सुविधाओं का हम बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकेंगे।

इस अवसर पर मनीष सिसोदिया ने विश्वविद्यालय परिसर 50 मीटर ऊंचे झंडा फहराया। साथ ही नेताजी की जयंती के अवसर पर हर साल की तरह कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें गजेंद्र सोलंकी, सुरेंद्र शर्मा, डा. कुंवर बेचैन, अरूण जैमिनी, सीता सागर, प्रदीप देशवाल व चरणजीत चरण ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की।  

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