जानिए क्यों परेशान हैं दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक के हजारों खाताधारक, सामने आयी ये बड़ी वजह

दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड का चुनाव न होने के कारण इसके हजारों सदस्यों को परेशानी हो रही है। दिसंबर 2020 से खाताधारकों को न तो लोन मिल रहा है और न ही उनका अकाउंट ट्रांसफर हो रहा है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 05:50 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 05:55 PM (IST)
जानिए क्यों परेशान हैं दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक के हजारों खाताधारक, सामने आयी ये बड़ी वजह
दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, लाजपत नगर। फाइल फोटो

नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड का चुनाव न होने के कारण इसके हजारों सदस्यों को परेशानी हो रही है। दिसंबर 2020 से खाताधारकों को न तो लोन मिल रहा है और न ही उनका अकाउंट ट्रांसफर हो रहा है। जिन खाताधारकों की कोरोना या किसी अन्य कारण से मृत्यु हो चुकी है, उनके उत्तराधिकारियों को बैंक में जमा उनके पैसे भी नहीं मिल रहे हैं। खाताधारक की कोरोना से मौत होने पर बैंक की ओर से दी जाने वाली 10 हजार रुपये की मदद भी नहीं मिल रही है। कोई अपना अकाउंट बंद भी नहीं करवा सकता। गरीबों को बेटियों की शादी के लिए भी लोन नहीं मिल रहा है। इन सब कारणों से बैंक को भी नुकसान हो रहा है।

इस बारे में सहायक रजिस्ट्रार बैंकिंग (कोआपरेटिव सोसायटीज) गुलशन आहूजा का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण चुनाव टाले गए हैं। जबकि सदस्यों का आरोप है कि अन्य सहकारी बैंकों व तमाम सोसायटियों के चुनाव हो गए हैं, सिर्फ इसी बैंक का चुनाव कोरोना के बहाने बार-बार टाला जा रहा हैं। वहीं, इस पर बैंक के सीईओ जितेंद्र गुप्ता ने बताया उन्होंने आरओ नियुक्त कर दिया है। उन्हें जो भी सहायता चाहिए मिलेगी लेकिन चुनाव करवाना उन्हीं का काम है।

अक्टूबर- 2020 में ही होने थे चुनाव

हर तीन साल में सहकारी बैंक के बोर्ड मेंबर्स का चुनाव होता हैं। इसमें एक चेयरमैन, एक वाइस चेयरमैन, दो महिला निदेशक, दो प्रोफेशनल (चार्टर्ड अकाउंटेंट व अधिवक्ता) व छह सदस्यों को चुना जाता है। अंतिम चुनाव वर्ष- 2017 में हुए थे। पिछले साल अक्टूबर में फिर से चुनाव होने थे लेकिन कोरोना के कारण यह टल गया था। फिर अप्रैल- 2021 तारीख दी गई। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण वह भी टल गया।

अक्टूबर से अब तक तीन बार रिटर्निंग आफिसर (आरओ) बदल चुके हैं लेकिन चुनाव कब होगा, इसका अभी पता नहीं है। वहीं, सहायक रजिस्ट्रार बैंकिंग (कोआपरेटिव सोसायटीज) गुलशन आहूजा ने बताया कि डीडीएमए के दिशानिर्देशों के कारण चुनाव टाले गए थे। सितंबर तक ये दिशानिर्देश प्रभावी हैं। अक्टूबर में चुनाव करवा दिए जाएंगे। चुनाव की तैयारी बैंक व रिटर्निंग आफिसर को करनी है। उनका काम सिर्फ आरओ नियुक्त करना जो वह कर चुके हैं।

वहीं, रिटर्निंग आफिसर लाल सिंह ने बताया कि चुनाव कराने के लिए ग्राउंड फ्लोर या फर्स्ट फ्लोर पर कम से कम 30 कमरों का स्कूल चाहिए। एनडीएमसी सेक्रेटरी को पत्र लिखकर स्कूल की मांग की गई है। स्कूल नहीं मिल रहा है जिस कारण चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। गौरतलब है कि राजधानी इसकी विभिन्न शाखाओं में करीब 60 हजार खाताधारक हैं जिनमें से 13 हजार से ज्यादा ऐक्टिव मेंबरों को मतदान का अधिकार है।

यहां हैं शाखाएं

1- करोल बाग

2- लाजपत नगर

3- मीठापुर बदरपुर

4- पीतमपुरा

5- जनकपुरी

6- नजफगढ़

7- नांगलोई

8- नरेला

9- शाहदरा

10- यमुना विहार

11- करावल नगर

12- रोहिणी

13- सब्जी मंडी

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