बिल्डर माफिया की मनमानी से सीलिंग के बाद भी 27 संपत्तियों का हो रहा है उपयोग, निगम ने 6 को दोबारा से किया सील

निगम ने एक अल्पकालिक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि 27 संपत्तियां ऐसी थी जिन्हें भवन विभाग ने नियमों के उल्लंघन में सील किया था। फिलहाल उनका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। इनमें भी केवल छह संपत्तियों को ही निगम द्वारा फिर से सील किया गया है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 06:33 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 06:33 PM (IST)
बिल्डर माफिया की मनमानी से सीलिंग के बाद भी 27 संपत्तियों का हो रहा है उपयोग, निगम ने 6 को दोबारा से किया सील
संपत्तियों को निगम ने सील किया था बावजूद इसके यह माल चल रहे थे।

नई दिल्ली [निहाल सिंह] । राजधानी के रिहायशी इलाकों में अगर कोई मरम्मत भी शुरू करें तो निगम के अधिकारी हथौड़ा चलाने पहुंच जाते हैं, लेकिन ऊपर तक पहंच रखने वाले और बिल्डर माफिया के आगे निगम के अधिकारी असहाय महसूस करते हैं। यही वजह है कि अवैध निर्माण को लेकर जिन बड़ी व्यवसायिक संपत्तियों को निगम ने सील किया था उनका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। ऐसा हम नहीं बल्कि निगम ने खुद स्वीकार किया है।

निगम ने एक अल्पकालिक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि 27 संपत्तियां ऐसी थी जिन्हें भवन विभाग ने नियमों के उल्लंघन में सील किया था। फिलहाल उनका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। इनमें भी केवल छह संपत्तियों को ही निगम द्वारा फिर से सील किया गया है। दरअसल, निगम ने एक अल्पकालिक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि निगम ने 2012 से लेकर 31 अगस्त तक अवैध निर्माण के मामले में 17 हजार 199 भवनों को अवैध निर्माण के चलते बुक (चिह्नित ) किया। इसमें से 8,460 संपत्तियों में अवैध निर्माण को गिराया गया जबकि 1,741 को सील किया गया। इसमें से निगम ने 136 संपत्तियों को डी-सील (सील खोलना) की है जबकि 1,605 संपत्तियां निगम रिकार्ड में अब भी सील हैं। बाकि, 27 संपत्तियां ऐसी हैं जिनकी सील तोड़ने के मामले सामने आए हैं। इसमें छह संपत्तियों को फिर से सील कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों करोलबाग के एनडी माल, एजीएम प्लाजा और भरत सदन का मामला प्रकाश में आया था। आरोप था कि इन संपत्तियों को निगम ने सील किया था बावजूद इसके यह माल चल रहे थे। मामला प्रकाश में आने के बाद निगम ने यहां पर फिर से सीलिंग की कार्रवाई की थी, लेकिन यह हैरानी की बात है कि सीलिंग के बावजूद इतनी बड़ी संपत्तियों में व्यवसायिक गतिविधियां कैसे चल रही थी।

जोन अनुसार निगम की कार्रवाई का विवरण

जोन                भवन विभाग द्वारा चिन्हित  अवैध निर्माण      गिराए गए अवैध निर्माण        सील भवन सिटी सदर पहाड़गंज        5075                         4548                                              1198 सिविल लाइंस                  3115                      1710                                                  47 करोल बाग                      1810                       330                                                 136 केशवपुरम                    2460                     910                                                       84 नरेला                         2113                       342                                                     113 रोहिणी                       2626                     576                                                      163

नोट: सभी आंकड़े एक अप्रैल 2012 से लेकर 31 अगस्त 2021 तक के हैं।

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