दिल्ली के मीर विहार कालोनी में बदहाली होने से जनाजे को कंधा नहीं दे पाते स्वजन, जानिए पूरा मामला

मीर विहार कालोनी में लोगों को मरने के बाद कंधे नसीब होने बंद हो गए हैं। यह इसलिए नहीं है कि लोगों में फिर से कोरोना महामारी का डर बढ़ने लगा है बल्कि इसलिए मरने के बाद लोगों को कंधे नहीं मिल पा रहे हैं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 05:49 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 05:49 PM (IST)
दिल्ली के मीर विहार कालोनी में बदहाली होने से जनाजे को कंधा नहीं दे पाते स्वजन, जानिए पूरा मामला
एंबुलेंस में शव को रखकर इलाके के कब्रिस्तान ले जाने के बजाय मालवीय नगर के कब्रिस्तान ले जाना पड़ा।

नई दिल्ली [सोनू राणा]। कहा जाता है कि समाज में बुरे से बुरे इंसान को भी मरने के बाद चार कंधे नसीब हो जाते हैं। लेकिन मदनपुर डबास गांव के पास स्थित मीर विहार कालोनी में लोगों को मरने के बाद कंधे नसीब होने बंद हो गए हैं। यह इसलिए नहीं है कि लोगों में फिर से कोरोना महामारी का डर बढ़ने लगा है, बल्कि इसलिए मरने के बाद लोगों को कंधे नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि गलियों में कई महीनों से तीन-तीन फीट तक पानी भरा हुआ है।

ऐसा ही एक दिल झकझोर देने वाला मंजर बुधवार को उस समय देखने को मिला जब मीर विहार में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई और उनके बेटे शव को कंधा देने की बजाय जनाजे को हाथों में उठाकर जलभराव के बीच से लेकर जाने को मजबूर हुए। मजबूरी में एंबुलेंस में शव को रखकर इलाके के कब्रिस्तान ले जाने के बजाय मालवीय नगर के कब्रिस्तान ले जाना पड़ा। क्योंकि यहां पर कब्रिस्तान जाने वाले रास्ते में भी जलभराव है। जिसने भी बुजुर्ग के जनाजे को पानी से निकलते देखा, उसका दिल पसीज गया।

जानकारी के अनुसार मीर विहार के आइ ब्लाक में 60 वर्षीय मुन्ना खान गली में महीनों से तीन फीट से ज्यादा पानी भरा होने की वजह से घर में ही कैद हो गए थे। घूमना फिरना न होने की वजह से वह धीरे-धीरे बीमार पड़ते गए। हालात ऐसे हो गए थे कि न तो वह घर से बाहर जा पा रहे थे और न उनके स्वजन इलाज के लिए उन्हें डाक्टर के पास ले जा पा रहे थे। समय बीतता गया और वह पास के छोटे-मोटे क्लीनिक से दवा मंगवाकर खाने को मजबूर हो गए।

इन्हीं परेशानियों के चलते उन्होंने बुधवार सुबह आखिरी सांस ली। पड़ोसी इकबाल सैफी ने बताया कि कई महीनों से मुन्ना खान के घर के बाहर व गली में तीन से चार फिट तक पानी भरा हुआ था। वह घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। इस वजह से बीमार पड़े और उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि बुधवार को जब मुन्ना के शव को कब्रिस्तान ले जाने लगे तो उन्हें जलभराव से लेकर जाना मुश्किल हो गया।

पड़ोस के लोगों ने उन्हें एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद उन्हें मालवीय नगर के कब्रिस्तान में दफनाया गया। इकबाल ने बताया कि जलभराव की वजह से अब कालोनी में ज्यादातर लोगों को कंधा नसीब नहीं हो रहा है। उन्हें सीधे एंबुलेंस में रखकर बाहर के किसी कब्रिस्तान में ले जाया जाता है। उन्होंने कहा कि जलभराव को लेकर इलाके के विधायक को शिकायत की गई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है, जिससे काफी समस्या हो रही है।

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