जानिए- गुरुग्राम रैपिड मेट्रो के बारे में
gurugram rapid metro रैपिड मेट्रो को हरियाणा सरकार ने पीपीपी मॉडल पर बनाया था। इसके तहत गुड़गांव के सेक्टर 55-56 से फेज-2 के बीच मेट्रो का एक रिंग बनाया गया था।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। गुरुग्राम रैपिड को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi metro Rail Corporation) द्वारा अधिग्रहण के साथ ही लोग इसे दिल्ली मेट्रो से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। यहां पर बता दें कि रैपिड मेट्रो को हरियाणा सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनर शिप पर बनाया था। निर्माण के नजरिये से गुरुग्राम के सेक्टर-55-56 से फेज-2 के मध्य मेट्रो का एक रिंग बनाया गया था।
इन 9 प्वाइंट्स में जानें गुरुग्राम रैपिड मेट्रो के बारे में रैपिड मेट्रो दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य के गुरुग्राम शहर में संचालित एक मेट्रो सेवा प्रणाली है। रैपिड मेट्रो सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम द्वारा संचालित येलो लाइन के साथ इंटरचेंज प्रदान करती है। रैपिड मेट्रो की कुल लंबाई 11.6 किलोमीटर इस रूट पर कुल 11 स्टेशन हैं। खास बात यह है कि इस मेट्रो प्रणाली में स्टैंडर्ड गेट ट्रैक का इस्तेमाल हुआ है रैपिड मेट्रो प्रणाली पूरी तरह से एलिवेटेड है। यह मेट्रो सेवा गुरुग्राम के वाणिज्यिक क्षेत्रों को जोड़ती है। यह मेट्रो सेवा रैपिड मेट्रो गुड़गांव लिमिटेड (आरएमजीएल) द्वारा निर्मित दुनिया की पहली ऐसी प्रणाली है, जो पूरी तरह से निजी स्रोतों द्वारा वित्तपोषित है। रैपिड मेट्रो सेवाएं रोजाना छह बजे से शुरू होकर रात 12 बजे तक चलती है। सभी ट्रेनों में तीन कोच हैं।
2 चरणों में बनी थी रैपिड मेट्रो
गौरतलब है कि गुरुग्राम में यात्रियों की सुविधा और सहूलियत के मद्देनजर रैपिड मेट्रो दो चरणों में संचालित हो रही है। दरअसल, प्रथम चरण में 5.1 किलोमीटर रेल ट्रैक निर्माण हुआ था। इसके बाद 6.6 किलोमीटर का निर्माण किया गया। इस पर तकरीबन 1500 करोड़ रुपये का खर्च आया था।
डीएमआरसी द्वारा रैपिड रेल मेट्रो का संचालन अपने हाथ में लेने के चलते यहां के लोग काफी खुश हैं। ज्यादातर लोगों को इस बात से राहत मिली है कि रैपिड मेट्रो बंद नहीं होगी और इसका दिल्ली मेट्रो रेल निगम करेगा। ऐसे में अब रैपिड रेल में भी डीएमआरसी की छाप देखने को मिलेगी।