Delhi Metro Service: अब पूरी क्षमता के साथ रफ्तार भरेगी मेट्रो, DTC बसों में भी सफर करने वालों को राहत
Delhi Metro Service News मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने बड़ी राहत दी है। डीडीएमए ने मेट्रो के सभी कोचों में पूरी क्षमता के साथ यात्रियों को बैठाने की अनुमति दे दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में सोमवार से मेट्रो और बसें 100 फीसद क्षमता के साथ दौड़ेंगी। यानी सभी सीटों पर यात्री सफर कर सकेंगे। यह छूट सभी तरह की बसों पर लागू होगी। अभी तक मेट्रो और बसों में एक सीट छोड़कर बैठने की इजाजत थी। हालांकि, खड़े होकर यात्र करने की अब भी अनुमति नहीं होगी। वहीं, शादी समारोह और अंतिम संस्कार में 100 लोग शामिल हो सकेंगे। अब तक यह संख्या क्रमश: 50 और 20 थी। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी (डीडीएमए) की ओर से मुख्य सचिव विजय देव ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।
दरअसल, एक सीट छोड़कर सफर करने की इजाजत से लोगों को मेट्रो व बसों में यात्र करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था। इसे देखते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीडीएमए को प्रस्ताव भेजा था। इसे अब मंजूर कर लिया गया है। हालांकि, यात्रियों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना होगा। डीएम और डीसीपी प्रोटोकाल का पालन कराएंगे और उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
आटो-टैक्सी के लिए अभी नहीं बढ़ा दायरा
अभी आटो, टैक्सी और ई-रिक्शा को मिली छूट का दायरा नहीं बढ़ा है। ये पुराने नियमों के तहत ही चलेंगे। आटो, टैक्सी, ई-रिक्शा, कैब, ग्रामीण सेवा, फटफट सेवा में अभी दो यात्रियों को ही बैठाने की अनुमति है। मैक्सी कैब में पांच और आरटीवी में 11 यात्री तक बैठ सकते हैं।
यात्री भी लंबे समय से कर रहे थे मांग
पिछले डेढ़ महीने से मेट्रो और बसों में सफर करने वाले यात्री इसकी मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि अब कोरोना के मामले कम हो गए हैं और मेट्रो स्टेशनों के बाहर भीड़ लग रही है। भीड़ जुटने से भी कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। इसलिए सभी सीटों पर बैठने की इजाजत मिलनी चाहिए। अब डीडीएमए ने यात्रियों की मांगें मान ली है।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को पूरी क्षमता के साथ मेट्रो और बसों को संचालित करने का प्रस्ताव भेजा था। जिसे डीडीएमए ने मान लिया है। इससे पहले भी केजरीवाल सरकार ने पूरी क्षमता के साथ यात्रियों को बैठाने का प्रस्ताव भेजा था लेकिन तब डीडीएमए ने इसे नहीं माना था। सरकार का कहना था कि राजधानी में कोरोना के मामले कब हो गए हैं जबकि मेट्रो और बसों में सफर करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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