Delhi-Meerut Expressway: जरा सी बरसात में ढह गए पानी निकासी के सारे वायदे, सड़क भी धंसी, देखें तस्वीरें
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर जरा सी देर की बारिश में पानी निकासी के लिए किए गए इंतजाम धराशायी हो गए। डासना से मेरठ की ओर जाने वाली लेन के हिस्से पांच किलोमीटर के दायरे में 20 से अधिक जगहों पर पानी निकासी के लिए किए गए इंतजाम ढह गए।
गाजियाबाद, [मदन पांचाल]। सरकारी मशीनरी की मनमानी का ही नतीजा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में आए दिन सड़क धंस रही है। प्रोजेक्ट का निर्माण सवालों के घेरे में आ रहा है। बुधवार शाम को बीस मिनट के लिए हुई बारिश से एनएचएआइ के मजबूत इंतजाम ढह गए। एनएचएआइ द्वारा बनाई गई सड़क धंसने के साथ ही फर्राटा भरने वाले वाहन चालकों का तनाव बढ़ गया है।
इस बार चौथे चरण में डासना से मेरठ की ओर जाने वाली मुख्य लेन के निर्माण की पोल खुली है। पांच किलोमीटर के दायरे में पानी निकासी के लिए बनाई गई बीस पक्की नालियां अलग-अलग स्थानों पर धंस गई हैं। पांच स्थानों पर मुख्य लेन की सड़क के बीच बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों को दस दिन पहले ही भरा गया था। बारिश का पानी जमा होने के चलते सड़क के गड्ढे धीरे-धीरे बड़े होते जा रहे हैं। घटिया निर्माण की पोल खोलने वाले गड्ढे, नालियों का धंसना और दरारें आने की सही लोकेशन डासना में बनाए गए एलिवेटेड रोड के खत्म होते ही आकाश नगर से भोजपुर के बीच की हैं। एनएचएआइ के अफसर एवं निर्माण कंपनी के इंजीनियर घर पर आराम फरमा रहे हैं या यूं कह सकते हैं कि किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
एक्सप्रेस-वे हो गया जलमग्न
हल्की सी बारिश में ही एक्सप्रेस-वे जलमग्न हो रहा है तो आने वाले मानसून में हालत खराब होना तय है। यूपी गेट से डासना के बीच कई जगहों पर भारी पानी भर गया। वाहनों के आवागमन से ऐसा लग रहा था कि जैसे वाहन किसी नाले से होकर गुजर रहे हों।
दरार आने का सिलसिला जारी
प्रोजेक्ट के दूसरे एवं चौथे चरण के हिस्से में कई जगहों पर दरारें आने का सिलसिला जारी है। बुधवार को कई जगहों पर सड़क में दरार आ गईं हैं। कुछ स्थानों पर तो दरारों को भरने के बाद भी दरारें आ रही हैं।
चौथे चरण का निर्माण करने वाली कंपनी का विवरण
डासना से परतापुर
कुल लागत-1087 करोड़
कुल लंबाई- 31.770 किलोमीटर
निर्माण करने वाली कंपनी- मैसर्स जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट
सुरक्षा सलाहाकार-कैमिन कनेप्सन
पूरे प्रोजेक्ट का विवरण
कुल लंबाई- 82 किलोमीटर
कुल लागत-8,346 करोड़
सिविल कार्य लागत-4,974 करोड़
जमीन अधिग्रहण की लागत- 1962 करोड़
सुविधाओं पर आइ लागत-679 करोड़
कुल चौड़ाई- छह लेन एक्सप्रेस-वे एवं आठ लेन 4-4 दोनों तरफ एनएच-9
मानक के अनुसार निर्माण सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है। बारिश के पानी की निकासी का मजबूत इंतजाम न होने से बार-बार सड़क धंस रही है। यह तकनीकी जांच का विषय है। राष्ट्रीय स्तर के राजमार्ग निर्माण में तकनीकी खामियां नहीं रहनी चाहिए। यदि निर्माण एजेंसी के कार्यो की सही जांच हुई तो यह बड़ा निर्माण घोटाला हो सकता है।
- आरपी सिंह, सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता
नहीं उठाया फोन
इस संबंध में एनएचएआइ के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग से उनका पक्ष जानने के लिए कई बार उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वाट्सएप पर फोटो भेजकर भी पक्ष मांगा गया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।
इससे पहले 8 जून को भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) के चौथे चरण की मुख्य लेन में दरार आने के साथ ही सर्विस लेन क्षतिग्रस्त हो गई थी। डासना के पास हापुड़ की ओर जाने वाली सर्विस लेन में पांच फीट गहरा गड्ढा बन गया था। यह गड्ढा भी बारिश का पानी जमा होने एवं सड़क में नीचे तक पानी चले जाने से हुआ था। यह गड्ढा ऐसी जगह है जहां से रोज हजारों वाहन गुजर रहे थे। गनीमत यह थी कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। चौथे एवं दूसरे चरण में कई स्थानों पर सड़क के बीच दरार आ चुकी है। फुटपाथ टूटने लगा है। सड़क पर हुए इन गड्ढों को देखकर लग रहा है कि बरसात का पानी सड़क झेल नहीं पा रही है।