Delhi Kisan Andolan: अन्नदाता के जरिये सियासी फसल उगाने की जुगत

धरना दे रहे किसान भले ही राजनीतिक दलों से परहेज कर रहे हों उन्होंने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस वार्ता में कह दिया हो कि किसानों के मंच से किसी भी राजनेता को बोलने नहीं दिया जाएगा फिर भी यहां विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने तरीके से सक्रिय हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 07:26 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 08:38 AM (IST)
Delhi Kisan Andolan: अन्नदाता के जरिये सियासी फसल उगाने की जुगत
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान राजधानी की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं।

नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान राजधानी की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। वे अपनी मांगों को लेकर पंजाब से यहां आकर पिछले पांच दिनों से डटे हुए हैं। उनके प्रदर्शन से और सर्दी में की जा रही इस मशक्कत से उन्हें कुछ लाभ हो या नहीं ये तो भविष्य बताएगा, लेकिन उनके जरिये केंद्र सरकार व भाजपा का विरोध कर विपक्षी दल अपनी राजनीतिक फसल उगाने में अवश्य जुट गए हैं। उनमें किसानों के साथ खड़े दिखने की होड़ मच गई है। धरना स्थलों पर कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ कई छोटी पार्टियों के नेता भी अपने दलों को सियासी खाद देने पहुंच रहे हैं।

पंजाब विधानसभा चुनाव पर नजर

धरना दे रहे किसान भले ही राजनीतिक दलों से परहेज कर रहे हों और उन्होंने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस वार्ता में स्पष्ट रूप से कह दिया हो कि किसानों के मंच से किसी भी राजनेता को बोलने नहीं दिया जाएगा, फिर भी यहां विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने तरीके से सक्रिय हैं। पंजाब में वर्ष 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, यानी करीब एक साल से कुछ अधिक समय ही शेष है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां किसानों के आंदोलन को सत्ता तक पहुंचने के जरिये के रूप में देख रही हैं।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा धरने में रोज पहुंच रहे हैं और मुख्यतया पंजाब से आए इन किसानों से एकजुटता दिखा रहे हैं। एसजीपीसी की ओर से सिंघु बॉर्डर से लेकर सोनीपत के राइ तक पांच-छह स्थानों पर नियमित रूप से लंगर लगाए जा रहे हैं। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी से राज्य सभा सदस्य संजय सिंह व सुशील गुप्ता और दिल्ली सरकार में राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत के साथ ही पार्टी के विधायक राघव चड्ढा, जरनैल सिंह, पवन शर्मा, महेंद्र गोयल, राखी बिड़ला इत्यादि धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं।

आप नेता धरना दे रहे किसानों के भोजन व अन्य सुविधाओं का ख्याल रख रहे हैं। कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर अपनी दिल्ली इकाई को सक्रिय कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी व उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल धरना स्थल पर हाजिरी लगा रहे हैं और पार्टी को किसानों का हितैषी दिखाने की कोशिश में जुटे हैं।

छोटे दलों की जमीन तलाशने की कोशिश

केंद्र सरकार के विरोध का मौका मिलने पर कई छोटे दल भी किसान आंदोलन में सक्रिय नजर आ रहे हैं। इनमें स्वराज इंडिया नेता योगेंद्र यादव, बिहार से जन अधिकार पार्टी नेता पप्पू यादव व आजाद समाज पार्टी नेता चंद्रशेखर के नाम प्रमुख हैं। वामपंथी दलों से जुड़े ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑल ट्रेड यूनियन (एक्टू) व ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) जैसे छात्र संगठन बाकायदा कैंप लगाकर धरने में शिरकत कर रहे हैं। 

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