दिल्ली जल बोर्ड अपने लाखों उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए उठाएगा अब ये कदम, आप भी जानें

जल बोर्ड ने तय किया है कि अब वह उपभोक्ताओं के घर पानी का कनेक्शन जोड़ने का काम खुद करेगा। ऐसे में घर तक पाइप डालने व कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को निजी प्लंबर की सेवा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 01:13 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 01:13 PM (IST)
दिल्ली जल बोर्ड अपने लाखों उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए उठाएगा अब ये कदम, आप भी जानें
जलबोर्ड की मीटिंग में सत्येंद्र जैन व जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा (बाएं)- दिल्ली सरकार

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जल मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की बैठक हुई, जिसमें पेयजल आपूर्ति व सीवरेज के बेहतर प्रबंधन से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए। इसी क्रम में जल बोर्ड ने तय किया है कि अब वह उपभोक्ताओं के घर पानी का कनेक्शन जोड़ने का काम खुद करेगा। ऐसे में घर तक पाइप डालने व कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को निजी प्लंबर की सेवा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस फैसले से उपभोक्ताओं को बिचौलियों से निजात मिलेगी। जल बोर्ड ने कालोनियों की श्रेणियों के अनुसार पानी के घरेलू कनेक्शन लिए तीन स्लैब में एक हजार से चार हजार रुपये व व्यावसायिक कनेक्शन के लिए दो हजार से आठ हजार रुपये शुल्क निर्धारित कर दिया है। इस बैठक में जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा भी मौजूद थे।

कालोनियों में जल बोर्ड की पाइप लाइन से घर में पानी कनेक्शन के लिए पाइप डालने की जिम्मेदारी उपभोक्ता की थी। उपभोक्ता उस पाइप का रखरखाव ठीक से नहीं कर पाते थे। इस वजह से दूषित पेयजल की भी समस्या होती है। इसके अलावा पानी के अवैध कनेक्शन भी ले लिए जाते थे। अब नई नीति के अनुसार जल बोर्ड उपभोक्ताओं के घर की पुरानी पाइप लाइन को ठीक भी कराएगा व मीटर के साथ नया कनेक्शन भी देगा। इससे दूषित पेयजल की समस्या हल होगी और पानी का अवैध कनेक्शन भी रुकेगा।

ओखला में लगेगा आरओ प्लांट

जल बोर्ड ओखला में 20 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) क्षमता का एक आरओ प्लांट बनाएगा। भूजल व झीलों से इस प्लांट में पानी लाकर शोधित किया जाएगा। प्लांट लगाने की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों को दी जाएगी, जो 15 साल तक इसका संचालन करेगी। जल बोर्ड निजी एजेंसी से पानी खरीदकर उपभोक्ताओं को देगा। अगले आठ माह में इस तरह के कई अन्य आरओ प्लांट लगाने की भी योजना है, जिससे कुल 100 एमजीडी की आपूर्ति हो सकेगी। बैठक में सरकार व लोगों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक जल और सीवेज समिति गठित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

पिट बनाने पर आर्थिक मदद

500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले भवनों में वर्षा जल संग्रहण पिट बनाने के लिए 25 हजार व 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों में पिट बनाने के लिए 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

यमुना का प्रदूषण कम करने के लिए 153 करोड़ रुपये की लागत से 14 सीवेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) में एरेशन प्रणाली (जल शोधन की प्रक्रिया) लगाई जाएगी, जिनकी क्षमता 220 एमजीडी होगी। इससे एसटीपी द्वारा शोधित पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा और बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) को 20-30 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटाकर 10 मिलीग्राम प्रति लीटर तक लाया जा सकेगा।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार तीन साल में सभी कालोनियों में सीवर लाइन डालने का काम पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत संगम विहार में सीवर लाइन बिछाने के काम को मंजूरी मिल गई है। शाहबाद की कालोनियों में, सारंगपुर, गालिबपुर, काजीपुर और खेरा डाबर में भी सीवर लाइन बिछाने और सीवेज शोधन संयंत्र के निर्माण की योजना को मंजूरी दी गई है। इस कार्य को दो साल में पूरा किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी