लर्निंग आउटकम और क्वालिटी एजुकेशन के मामले में लगातार तीन सालों से पिछड़ रही दिल्ली, जानें वजह

किसी भी शिक्षा प्रणाली का मूल्यांकन करने के लिए सबसे सटीक सूचक होता है उसका लर्निंग आउटकम (सीखने का परिणाम) और क्वालिटी (गुणवत्ता)। इसमें ये देखा जाता है कि छात्र इस शिक्षा प्रणाली से कितना सीख रहे हैं लेकिन दिल्ली का शिक्षा माडल शिक्षा प्रणाली के इस महत्वपूर्ण मापदंड पर न सिर्फ सबसे खराब है

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 03:43 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 03:43 PM (IST)
लर्निंग आउटकम और क्वालिटी एजुकेशन के मामले में लगातार तीन सालों से पिछड़ रही दिल्ली, जानें वजह
दिल्ली का शिक्षा माडल शिक्षा प्रणाली के इस महत्वपूर्ण मापदंड पर न सिर्फ सबसे खराब है।

नई दिल्ली, [रीतिका मिश्रा]। किसी भी शिक्षा प्रणाली का मूल्यांकन करने के लिए सबसे सटीक सूचक होता है उसका लर्निंग आउटकम (सीखने का परिणाम) और क्वालिटी (गुणवत्ता)। इसमें ये देखा जाता है कि छात्र इस शिक्षा प्रणाली से कितना सीख रहे हैं, लेकिन दिल्ली का शिक्षा माडल शिक्षा प्रणाली के इस महत्वपूर्ण मापदंड पर न सिर्फ सबसे खराब है बल्कि दिल्ली इस पर लगातार तीन सालों से पिछड़ भी रही है। मौजूदा समय में यह पूरे देश में 32 वें स्थान पर है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में स्कूल शिक्षा पर देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआइ) 2019-20 जारी की है। पीजीआइ ग्रेडिंग के आधार पर दिल्ली ने शिक्षा का स्तर बढा़ने के लिए जितना काम भौतिक बुनियादी ढांचे को सुधारने का किया है उतना छात्रों के सीखने के परिणाम और गुणवत्ता पर नहीं किया है। पीजीआइ 2019-20 में राजस्थान 180 में 168 अंक लाकर लर्निंग आउटकम के मामले में प्रथम स्थान पर है लेकिन दिल्ली 180 में से सिर्फ 124 अंक तक सिमट कर 32वें स्थान पर है।

साल 2018-19 और 2017-18 में दिल्ली लर्निंग आउटकम में कुल 124 अंक लाकर 31वें स्थान पर थी। 2019-20 में ये रैंक एक अंक और नीचे लुढ़क गई। दिल्ली लर्निंग आउटकम में 124 अंक प्राप्त कर रही है यानि साल 2017 से 2020 तक लर्निंग आउटकम को बढ़ाने के लिए दिल्ली ने कोई काम नहीं किया है।

पीजीआई 2019-20 में भी चौथे से छठे नंबर पर पहुंची दिल्ली

पीजाआई 2019-20 में दिल्ली छठे नंबर पर है जबकि 2018-19 में दिल्ली चौथे नंबर पर थी। 2019-20 में पंजाब पहले, चंडीगढ़ दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है। दिल्ली का 2019-20 में कुल पीजीआई स्कोर 898 है जबकि पंजाब का 929 और चंडीगढ़ का 912 स्कोर है।

विभिन्न जातियों के छात्रों को एक सामान्य शिक्षा देनी की निष्पक्षता (इक्विटी) में भी पिछड़ी दिल्ली-सरकारी और सहायता प्राप्त प्रारंभिक स्कूलों में कक्षा तीन, पांच और आठ में पढ़ रहे अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के छात्रों और सामान्य श्रेणी के छात्रों के बीच विभिन्न विषयों का प्रदर्शन में शून्य का अंतर होना चाहिए तभी ये कहा जा सकता है सभी जातियों के छात्रों को एक सामान्य और निष्पक्ष शिक्षा दी जा रही है। दिल्ली इक्विटी के मामले में साल 2018-19 में पहले नंबर पर थी। लेकिन साल 2019-20 में पांचवे नंबर पर है। वहीं, पहले नंबर पर पंजाब है।

पांच प्रमुख बिंदुओं के आधार पर तैयार किया जाता है निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक

- सीखने के परिणाम और गुणवत्ता

- पहुंच

- बुनियादी संरचना और सुविधाएं

- इक्विटी

- शासन और प्रबंधन

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