Delhi IGI Airport Good News: चार्टर्ड विमानों के लिए शुरू किए गए इस काम से यात्रियों का बच रहा समय
आइजीआइ एयरपोर्ट पर चार्टर्ड विमानों के लिए शुरू किए गए जनरल एविएशन टर्मिनल (जीएटी) से हवाई यात्रियों का 40 मिनट का समय बच रहा है। वहीं कोरोना काल में विमानन क्षेत्र में स्थिरता के बावजूद इस टर्मिनल से यात्र करने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आइजीआइ एयरपोर्ट पर चार्टर्ड विमानों के लिए शुरू किए गए जनरल एविएशन टर्मिनल (जीएटी) से हवाई यात्रियों का 40 मिनट का समय बच रहा है। वहीं, कोरोना काल में विमानन क्षेत्र में स्थिरता के बावजूद इस टर्मिनल से यात्र करने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
वहां से वर्तमान में रोजाना 30 से ज्यादा चार्टर्ड विमानों का संचालन किया जा रहा है। वहीं करीब 120 यात्री चार्टर्ड उड़ानों से यात्र कर रहे हैं। गत पांच महीने में ही यात्रियों की संख्या में 25 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।
आइजीआइ एयरपोर्ट पर पहले चार्टर्ड विमानों का संचालन टर्मिनल-एक से किया जाता था। अलग से टर्मिनल नहीं होने के कारण यात्रियों को दिक्कत होती थी। गत वर्ष सितंबर में चार्टर्ड विमानों के लिए जीएटी का निर्माण कराया गया। 150 करोड़ रुपये की लागत से बने इस टर्मिनल की क्षमता 150 चार्टर्ड उड़ानें संभालने की हैं। इसमें बी200 और जी650 टाइप के अधिकतम 65 जेट्स की पार्किग की व्यवस्था है।
शुरुआत में वहां से सिर्फ 24 उड़ानों का संचालन किया जा रहा था। पांच महीने में ही चार्टर्ड विमानों की संख्या 30 से ज्यादा पहुंच गई। वहीं, वर्तमान में प्रतिदिन 120 से ज्यादा यात्री इसका प्रयोग कर रहे हैं। इस टर्मिनल से यात्र करने वाले 90 फीसद यात्री घरेलू जबकि 10 फीसद संख्या अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की है। इसका सबसे ज्यादा फायदा यह हुआ है कि लोगों के यात्र समय में खासी कमी आई है। दूर खड़े होने के कारण पहले टर्मिनल-1 से यात्रियों को चार्टर्ड विमान तक जाने में 45 मिनट का समय लगता था, घटकर सिर्फ पांच मिनट हो गया है।
आठ लाख वर्ग फुट क्षेत्र में बने इस अत्याधुनिक टर्मिनल में एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, एकीकृत आइटी सिस्टम और परिधि सुरक्षा नियंत्रण प्रणाली लगा है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि इस टर्मिनल के बनने से कारोबारी वर्ग और जरूरतमंद लोगों को खासा फायदा हो रहा है। लोगों में चार्टड उड़ानों के प्रयोग की प्रवृत्ति बढ़ रही है।