Delhi ZOO: भीषण गर्मी में बाघ और शेर ले रहे ठंडी हवा का आनंद, बंदर व पक्षी पी रहे ग्लूकोज
Delhi ZOO गर्मी से बचने के लिए सभी जानवरों को पीने का पानी का विशेष खयाल रखा जा रहा है। कर्मचारी सावधानी के साथ उनके खाने और पीने का ध्यान रख रहे हैं।
नई दिल्ली [राहुल सिंह]। दिल्ली में इन दिनों आसमान से आग बरस रही है। इस प्रचंड गर्मी में बाहर निकलना तो दूर बाहर जाने के बारे में भी तमाम बार सोचने पर लोग मजबूर हो रहे हैं। लेकिन, इस चिलचिलाती धूप और लू में भी दिल्ली के चिडि़याघर के जानवरों और पक्षियों की मौज कट रही है। चिडि़याघर में बाघ, शेर और भालू के लिए बड़े-बड़े कूलर लगाए गए हैं, जिससे उन्हें गर्मी न लगे।
वहीं, हाथियों के लिए तालाब तैयार किए गए हैं। इसमें नहाकर वह गर्मी से बच रहे हैं।चिडि़याघर प्रबंधन के अनुसार गर्मी में जानवरों को कोई दिक्कत न हो इसलिए उनका विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है।
24 घंटे कूलर और पंखों का इंतजाम
कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वह दिन और रात में अपनी ड्यूटी के हिसाब से जानवरों की देखरेख करेंगे। कर्मचारी जानवरों के नाइट हाउस और उनके वाड़े में 24 घंटे कूलर और पंखों का इंतजाम कर रहे हैं। इन जानवरों को सुबह सुबह पानी की बौछार से नहलाया जा रहा है। वहीं, हिरण और बारहसिगगा के लिए फौव्वारा लगाया गया है, जिसके ठंडे पानी में जाकर वह जमकर मस्ती कर रहे हैं। साथ ही इन जानवरों के लिए धूप से निपटने के लिए छाया का इंतजाम किया गया है। चिंपैंजी और भालू के केज में कूलर और पंखा दोनों चलाए जा रहे हैं। लोमड़ी और लकड़बग्घे के लिए भी पंखे की व्यवस्था की गई है।
इन जानवरों पर गर्मी का असर नहीं
हिप्पोपोटामस, गैंडे और जिराफ पर अभी गर्मी का कोई खास असर नहीं है। वह धूप निकलने के बाद पेड़ की छांव में जाकर बैठ जाते हैं। वहीं, सांपों के रहने वाली जगह पर एसी लगाए गए हैं, जो 24 घंटे चलाए जा रहे हैं, जिससे उन्हें भीषण गर्मी का थोड़ा भी अहसास ना हो।
बंदरों और पक्षियों को पिलाया जा रहा ग्लूकोज
गर्मी से बचने के लिए सभी जानवरों को पीने का पानी का विशेष खयाल रखा जा रहा है। कर्मचारी सावधानी के साथ उनके खाने और पीने का ध्यान रख रहे हैं। वहीं, बंदरों और पक्षियों को ग्लूकोज और इलेक्ट्रॉल पाउडर मिक्स पानी दिया जा रहा है। इससे वह गर्मी से बच रहे हैं।
चिड़ियाघर दिल्ली के डायरेक्टर सुनीश बख्शी ने बताया कि सभी जानवरों के केज में कूलर और पंखों का विशेष रूप से इंतजाम किया गया है। जानवरों के पास पानी रखा गया है। वहीं, लगातार जानवरों पर पानी की बौछार की जा रही हैं, जिससे वह गर्मी से बचे रहें।