दिल्ली हाईकोर्ट ने त्योहार पर बाजारों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार से क्या कहा, पढ़िए पूरी टिप्पणी

जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि हम मानदंडों के उल्लंघन के लिए लोगों से जुर्माना वसूलते नहीं देखना चाहता बल्कि हम चाहते हैं कि भीड़ का प्रबंधन अच्छी तरह से किया जाए।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 07:33 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:18 PM (IST)
दिल्ली हाईकोर्ट ने त्योहार पर बाजारों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार से क्या कहा, पढ़िए पूरी टिप्पणी
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिशा निर्देशों का पालन होना चाहिए।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। त्योहारों के दौरान बाजारों में बढ़ रही भीड़ को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोरोना के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। कोरोना प्रोटोकाल के उल्लंघन का स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि हम मानदंडों के उल्लंघन के लिए लोगों से जुर्माना वसूलते नहीं देखना चाहता, बल्कि हम चाहते हैं कि भीड़ का प्रबंधन अच्छी तरह से किया जाए।

पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ ही दिल्ली पुलिस से कहा कि अदालत को उम्मीद है कि दिशानिर्देशों, मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी), कोविड उपयुक्त व्यवहार का त्योहार सीजन में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ईमानदारी से पालन कराया जाएगा। पीठ ने मामले में एक और स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

इस संबंध में दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट में प्राधिकारियों ने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने से लेकर सार्वजनिक स्थानों को सैनेटाइज किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिन बाजारों में दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है उसे बंद कराया गया है।

पिछली सुनवाई पर केंद्र सरकार ने पीठ को बताया था कि केंद्र शासित प्रदेशों को COVID-19 प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आवश्यक उपाय करने के लिए कहा है।

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