दिल्ली हाइकोर्ट ने पैरालिंपियन शूटर नरेश शर्मा की चुनौती याचिका पर पीसीआइ को भेजा नोटिस, मांगा जवाब
टोक्यो ओलिंपिक में चयन नहीं होने के मामले में अंतरिम राहत नहीं देने के एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली पांच बार के पैरालिंपियन शूटर व अर्जुन पुरस्कार विजेता नरेश कुमार शर्मा की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पैरालिंपिक कमेटी आफ इंडिया से जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। टोक्यो ओलिंपिक में चयन नहीं होने के मामले में अंतरिम राहत नहीं देने के एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली पांच बार के पैरालिंपियन शूटर व अर्जुन पुरस्कार विजेता नरेश कुमार शर्मा की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पैरालिंपिक कमेटी आफ इंडिया (पीसीआइ) से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने पीसीआइ के साथ ही खेल मंत्रालय को नोटिस जारी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी।
अधिवक्ता सत्यकाम व अमित कुमार शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में नरेश शर्मा ने कहा कि एकल पीठ ने सही तरीके से मामले पर विचार नहीं किया और न ही उन्हें अंतरिम राहत दी है। जबकि पैरालिंपिक कमेटी आफ इंडिया (पीसीआइ) ने चयन में उसने अपने नियमों को उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालिंपिक 24 से शुरू होने जा रहा है और अब भी उनके इसमें हिस्सा लेने के लिए पीसीआइ को निर्देशित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टोक्यो 2020 आयोजन समिति के लिए राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (एनपीसी) से खेल प्रवेश फॉर्म प्राप्त करने की समय सीमा दो अगस्त है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने 27 जुलाई को पीसीआइ के चयन में हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए मामले का परीक्षण करने एवं जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
हालांकि, पीठ ने तल्ख टिप्प्णी करते हुए शर्मा के स्थान पर किसी अन्य खिलाड़ी का चयन करने के पीसीआइ के आचरण को सार्वजनिक खेल निकाय के लिए अशोभनीय बताया था। पीठ ने कहा था कि पीसीआइ ने अपने स्वयं के मानदंडों का उल्लंघन किया है। शर्मा ने दावा किया था कि पैराओलिंपिक के लिए चयनित शूटर दीपक पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं और उनके साथ चयन में पीसीआइ ने भेदभाव किया है।