Nizamuddin Markaz: तब्लीगी मरकज का ताला खुलवाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका
आलमी तब्लीगी मरकज निजामुद्दीन का ताला खुलवाने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी का जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई पांच मार्च को होगी।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। आलमी तबलीगी मरकज निजामुद्दीन का ताला खुलवाने का निर्देश देने की मांग को लेकर दिल्ली वक्फ बोर्ड ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर न्यायमूर्ति गुप्ता की पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वक्फ बोर्ड ने अधिवक्ता रमेश गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में मरकज प्रकरण में जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए जांच रिपोर्ट पर दोबारा विचार करने की मांग की है। याचिका में दलील दी गई है कि वक्फ अधिनियम की धारा-32 के अंतर्गत अपनी संपत्ति को संचालित करने की संवैधानिक शक्ति वक्फ के पास है और पुलिस प्रसाशन द्वारा तालाबंदी करना वक्फ की शक्तियों में दखल देना है।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से मौजूद रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह संवेदनशील और अहम मामला है और इसमें केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए।
दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में दी ये दलील
दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने कहा कि इस मामले में कई मामले विचाराधीन है और इसमें लंबा समय लग सकता है, लेकिन धार्मिक प्रतिष्ठान को लम्बे समय तक बंद रखना गैरजरूरी है। याचिका में कहा गया कि इस संबंध में फरवरी 2021 को दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस के समक्ष एक प्रतिवेदन दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पुलिस ने की थी तालाबंदी
मार्च 2020 में कोरोना महामारी को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन घोषित करने के बाद कोरोना बीमारी को फैलने से रोकने के लिए तब्लीगी मरकज निजामुद्दीन पर पुलिस-प्रशासन ने तालाबंदी कर दी थी और यह अब तक जारी है।
बता दें कि तबलीगी मरकज निजामुद्दीन के मुखिया मौलाना साद समेत कई लोगों के खिलाफ कोरोना महामारी के दौरान नियमों की अवहेलना के मामले में पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। आरोप है कि देश-विदेश से मरकज में आए लोगों ने नियमों का उल्लंघन किया जिससे दिल्ली में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ा। इस मामले में तब्लीगी जमात से जुड़े कई लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। कई लोगों पर बिमारी को फैलाने का आरोप भी लगा था।