दिल्ली हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस के सब इंस्पेक्टर की जमानत याचिका ये कहते हुए कर दी खारिज, पढ़िये टिप्पणी

मुंबई पुलिस के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने कहा कि जांच अभी शुरूआती स्तर पर है और जमानत देते समय यह ध्यान में रखने की जरूरत है कि सुबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 12:22 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 12:22 PM (IST)
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस के सब इंस्पेक्टर की जमानत याचिका ये कहते हुए कर दी खारिज, पढ़िये टिप्पणी
मुंबई पुलिस के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में दस्तावेज लीक करने के आरोपित मुंबई पुलिस के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने कहा कि जांच अभी शुरूआती स्तर पर है और जमानत देते समय यह ध्यान में रखने की जरूरत है कि सुबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है। पीठ ने कहा कि यह मामला सुबूतों से छेड़छाड़ से जुड़ा है और मामले की जांच के शुरूआती चरण को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है।

सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने भी जमानत याचिका का विरोध किया था। सीबीआइ ने दलील दी थी कि अभिषेक तिवारी पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं और उन्हें रिहा करने का असर निष्पक्ष जांच पर पड़ सकता है। इतना ही नहीं एक जांच एजेंसी के अधिकारी पर जिम्मेदारी होती है कि वह जांच करके न्याय सामने लाए, लेकिन वह खुद ही भ्रष्टाचार का आरोपित है। निचली अदालत ने भी आठ सिंतबर को जमानत देने से इन्कार करते हुए अभिषेक की याचिका खारिज कर दी थी।

मुंबई हाई कोर्ट ने देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था। इस जांच से जुड़े गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में सीबीआइ ने देशमुख के अधिवक्ता आनंद डागा व अभिषेक तिवारी को गिरफ्तार किया है। सीबीआइ ने 30 अगस्त को तिवारी को हिरासत में लिया था और एक सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था। छह सितंबर से वह न्यायिक हिरासत में है।

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