एसटीएफ अधिकारियों की काल डाटा रिकार्ड की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने ठुकराया

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि एसटीएफ के अधिकारियों के काल डाटा रिकार्ड को तब तक उजागर नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि मामले के तथ्यों के लिए यह अत्यंत आवश्यक न हो। इसे उजागर करने से अधिकारियों के साथ-साथ उनके मुखबिरों को भी खतरा होगा।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 07:41 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 07:41 PM (IST)
एसटीएफ अधिकारियों की काल डाटा रिकार्ड की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने ठुकराया
छापेमारी दल के अधिकारियों की सीडीआर को संरक्षित किया जाना चाहिए।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। ड्रग्स तस्करी मामले में गिरफ्तारी किए गए आरोपित द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधिकारियों की काल डाटा रिकार्ड की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने ठुकरा दिया। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि एसटीएफ के अधिकारियों के काल डाटा रिकार्ड (सीडीआर) को तब तक उजागर नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि मामले के तथ्यों के लिए यह अत्यंत आवश्यक न हो। पीठ ने कहा कि इसे उजागर करने से अधिकारियों के साथ-साथ उनके मुखबिरों को भी खतरा होगा।

एसटीएफ की छापेमारी टीम द्वारा पकड़े गए आरोपित ने याचिका दायर कर जानकारी देने के संबंध में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने छापेमारी टीम में शामिल सब-इंस्पेक्टर और अन्य सिपाहियों की सीडीआर, लोकेशन चार्ट और टाइमलाइन से जुड़े आवेदन को खारिज करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। आरोपित को एक अन्य ड्रग्स तस्कर के साथ 84.350 किलोग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया था। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसे एक अलग छापेमारी दल द्वारा एक अलग जगह से उठाया गया था।

ऐसे में छापेमारी दल के अधिकारियों की सीडीआर को संरक्षित किया जाना चाहिए। निचली अदालत ने आवेदन को खारिज करते हुए कहा था कि छापेमारी टीम और आरोपित के सीडीआर और सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा गया है। जैसा कि पहले ही कहा गया है कि अधिकारियों और उनके मुखबिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसटीएफ के अधिकारियों के सीडीआर को तब तक सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि यह मामले के लिए आवश्यक न हो।

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