नवनीत कालरा को अभी नहीं दे सकते गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा : दिल्ली हाई कोर्ट

सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए गिरफ्तारी पर सुरक्षा देने की बचाव पक्ष की अपील को ठुकरा दिया। अगली सुनवाई 18 मई तक के लिए स्थगित कर दी।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 01:29 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 03:06 PM (IST)
नवनीत कालरा को अभी नहीं दे सकते गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा : दिल्ली हाई कोर्ट
नवनीत कालरा को गिरफ्तारी पर सुरक्षा देने से दिल्ली हाई कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। ऑक्सीजन कान्संट्रेटर कालाबाजारी और जमाखोरी के मामले में आरोपित खान चाचा रेस्त्रा के मालिक नवनीत कालरा को गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा देने से शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्‍यम प्रसाद की पीठ ने करीब एक घंटे तक सभी पक्षों को सुनने के बाद साफ कर दिया कि कालरा को तत्‍काल गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा नहीं दी जा सकती है। कालरा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अंतरिम सुरक्षा देने की अपील की। हालांकि, पीठ ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए अपील ठुकरा दी। नए तथ्‍य पेश करने के लिए कुछ समय देने की दिल्‍ली पुलिस के अनुरोध को स्‍वीकार करते हुए पीठ ने सुनवाई 18 मई तक के लिए स्‍थगित कर दी।

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि इस मामले को ज्यादा प्राथमिकता देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस अग्रिम जमानत में ऐसा क्‍या विशेष है कि इस पर बृहस्पतिवार रात सुनवाई हुई और आज ईद के अवकाश पर भी सुनवाई हो रही है। वहीं, कालरा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमें देर रात हुई सुनवाई की आलोचना करने के बजाये सराहना करनी चाहिए। उन्होंने पीठ को बताया कि पुलिस कालरा के रिश्तेदारों के घर जा रही है। एएसजी राजू ने पीठ से कहा कि मामले में नए तथ्य सामने आए हैं और इसे पेश करने के लिए कुछ समय दिया जाए। उन्‍होंने सुनवाई को 18 मई तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया। साथ ही कालरा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कालरा को अग्रिम जमानत देने से इस तरह की जमाखोरी करने वालों के लिए गलत संदेश जाएगा।

सिंघवी ने दलील दी कि ऐसा नहीं हो सकता है कि आक्सीजन कान्संट्रेटर कुछ उद्देश्यों के लिए दवाएं हैं और दूसरों के लिए नहीं हैं। मेरा तर्क यह है कि पूर्वाग्रह के तहत यह धारणा है कि कान्संट्रेटर दवाओं के दायरे में आता है। इस पर पीठ ने कहा कि एफआइआर दर्ज है और जांच की जा रही है। सिंघवी ने इसके जवाब में कहा मैं आपको सुप्रीम कोर्ट के एक फैसला दिखा रहा हूं कि पुलिस ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत एफआइआर नहीं करा सकती है। सिंघवी ने कहा कि अलग-अलग निर्माताओं की अलग-अलग एमआरपी होती है और सरकार निगरानी करने की कोशिश कर रही है कि निर्माता एमआरपी में दस फीसद से अधिक की वृद्धि न करें।

पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद यह नियमित जमानत का मामला नहीं है। मामले की जांच जारी है और यह सुनवाई आपके मुवक्‍किल को अग्रिम जमानत देने और जांच में बाधा डालने को लेेेकर है। पीठ ने कहा कि निचली अदालत ने आदेश में कहा है कि नकली और घटिया कान्संट्रेटर अधिक कीमत पर बेचे गए हैं। सिंघवी ने इसके जवाब में कहा कि गुणवत्ता के मुद्​दे पर बात नहीं कर रहा हूं। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत यह अधिकतम शुल्क लेने का मामला है और यह तथ्‍य आइआर में स्पष्ट रूप से नहीं लिखी गई है और यह कोई ऐसा अपराध नहीं है जोकि मेरे मुवक्किल की गिरफ्तारी के बिना नहीं की जा सकती है।

सिंघवी ने दलील दी कि आवश्यक वस्तु अधिनयम की धारा-सात के तहत पुलिस न तो एफआइआर दर्ज कर सकती है और न ही गिरफ्तार कर सकती है। इस मामले में सिर्फ ड्रग इंस्पेक्टर ही कार्रवाई कर सकता है और उसे निजी शिकायत दर्ज करनी पड़ती है। ड्रग इंस्पेक्टर ही सर्च एंड सीजर की कार्रवाई कर सकता है।

सिंघवी ने पीठ को बताया कि कालरा ने कुछ कान्संट्रेटर पुलिस अधिकारियों को बेचे हैं और कुछ दान भी दिए हैं। उम्मीद करते हैं कि यदि मशीन गुणवत्तायुक्त नहीं है तो भी इसके लिए कालरा के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। साकेत कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद कालरा ने देर रात हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने याचिका पर जिरह सुनने के बाद सुनवाई शुक्रवार के लिए स्थगित कर दी थी। दिल्ली पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के दौरान कालरा के तीन रेस्त्रां खान चाचा, नेग जू और टाउन हॉल से कथित तौर पर 524 आक्सीजन कान्संट्रेटर बरामद किए गए थे।

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