Money Laundering Case: गौतम थापर की जमानत याचिका पर सुनवाई से HC के जज ने खुद को किया अलग
यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में आरोपित अवंता ग्रुप के प्रमोटर गौतम थापर की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से दिल्ली हाई कोर्ट के एक न्यायमूर्ति ने खुद को अलग कर लिया। अब इस याचिका पर मंगलवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ सुनवाई करेगी।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में आरोपित अवंता ग्रुप के प्रमोटर गौतम थापर की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से दिल्ली हाई कोर्ट के एक न्यायमूर्ति ने खुद को अलग कर लिया। अब इस याचिका पर मंगलवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ सुनवाई करेगी। पिछले महीने राउज एवेन्यू कोर्ट ने थापर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।गौतम थापर के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी और सार्वजनिक धन की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
आरोप है कि यस बैंक को 466.51 करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय ने तीन अगस्त को आरोपितों के कार्यालयों और आवासों पर छापा मारा था। इसके बाद थापर को गिरफ्तार किया था।
जैविक पिता की बच्चे से रोजाना मुलाकात संबंधी आदेश पर रोक
वहीं, परिवार न्यायालय द्वारा बच्चे से रोजाना मुलाकात करने के संबंध में जैविक पिता को दिए गए अधिकार संबंधी आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने कहा कि परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश स्पष्ट रूप से इससे पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव पर विचार करने में विफल रहे हैं। परिवार न्यायालय के आदेश के तहत ढाई साल के बच्चे को रोजाना दो घंटे के लिए घर से बाहर ले जाना पड़ेगा, जोकि उसके लिए उचित नहीं है।
पीठ ने यह भी कहा कि परिवार न्यायालय ने माता-पिता के प्रतिस्पर्धी अधिकारों पर विचार करने और मूल्यांकन करने के लिए गलत रास्ते पर जाकर मुलाकात के अधिकार दिए गए। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में बच्चे की मां ने कहा था कि उसका व्यक्ति से विवाह नहीं हुआ है, ऐसे में वह बच्चे पर अपना दावा नहीं कर सकता।