बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया समन, पढ़िए पूरा मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने एलोपैथी के मामले में डॉक्टरों याचिका पर बाबा रामदेव के खिलाफ समन जारी किया है। बाबा रामदेव पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना महामारी के बीच एलोपैथी के खिलाफ कथित रूप से गलत सूचना फैलाई है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 04:24 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:15 PM (IST)
बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया समन, पढ़िए पूरा मामला
बाबा रामदेव के खिलाफ हाई कोर्ट ने जारी किया समन

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथी के खिलाफ गलत सूचना फैलाने को लेकर डाक्टर्स एसोसिएशन द्वारा दायर वाद पर दिल्ली हाई कोर्ट ने योग गुरू बाबा रामदेव के खिलाफ समन जारी किया है। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि डाक्टर्स एसोसिएशन का वाद तुच्छ नहीं है और प्राथमिक तौर पर संस्था के वाद को स्वीकार किया जाता है। हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि वह योग गुरु के खिलाफ वाद में लगे आरोपों के गुण-दोष पर अदालत कोई राय व्यक्त नहीं कर रही है और किसी भी राहत या अंतरिम आदेश पर बाद में विचार किया जाएगा।

पीठ ने मामले में रामदेव के अलावा आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद को भी समन जारी किया। अदालत ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई जनवरी माह में होगी। पीठ ने सुनवाई के दौरान रामदेव की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राजीव नायर से कहा कि मैंने (रामदेव की) वीडियो क्लिप देखी हैं। वीडियो क्लिप के अवलोकन से आपके मुवक्किल एलोपैथिक उपचार प्रोटोकाल का तिरस्कार करते दिखाई दे रहे हैं। क्लिप के अवलोकन से निश्चित रूप से वाद पर सुनवाई का मामला बनता है। उनके (वादी) के पास निषेधाज्ञा के लिए कुछ भी नहीं हो सकता है, लेकिन मामला तुच्छ नहीं है। इस पर राजीव नायर ने कहा कि उन्हें मामले में समन जारी करने में आपत्ति नहीं है, लेकिन इसमें लगाए गए आरोपों का वे विरोध करते हैं।

इसके जवाब में पीठ ने कहा हम कोई आदेश नहीं पारित कर रहे हैं, आप अपना लिखित बयान दाखिल करें और कहें कि कोई मुकदमा नहीं बनता।पिछली सुनवाई पर भी पीठ ने कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान मुकदमे को मुकदमा चलाने की अनुमति दिए बिना रद नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तीन रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन समेत सात डाक्टर्स एसोसिएशन ने वाद दायर किया है। एसोसिएशन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने कहा कि महामारी के दौरान रामदेव ने कोरोना के इलाज के कोरोनिल को लेकर निराधार दावे किए। अदालत ने तीन जुलाई को रामदेव को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया था।

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