घर नहीं खाली करने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

बेदखली के आदेश पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि बेदखली के संबंध में एक अदालत से जारी आदेश पर अगर किसी कोर्ट से रोक नहीं लगाई है तो आदेश का अनुपालन तय समयसीमा के अंदर संबंधित क्षेत्र के एसएचओ को सुनिश्चित कराना होगा।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 10:50 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 10:50 AM (IST)
घर नहीं खाली करने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
आदेश का अनुपालन तय समयसीमा के अंदर संबंधित क्षेत्र के एसएचओ को सुनिश्चित कराना होगा।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। एक के बाद एक कई अदालतों से बेदखल करने का आदेश जारी होने के बावजूद घर नहीं खाली करने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। बेदखली के आदेश पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि बेदखली के संबंध में एक अदालत से जारी आदेश पर अगर किसी उच्च अदालत से रोक नहीं लगाई है, तो आदेश का अनुपालन तय समयसीमा के अंदर संबंधित क्षेत्र के एसएचओ को सुनिश्चित कराना होगा। पीठ ने साथ ही पुलिस को निर्देश दिया कि 48 घंटे के अंदर प्रतिवादी से भवन खाली कराएं और तीन मई को होने वाली अगली सुनवाई पर अनुपालन रिपोर्ट पेश करें। पीठ ने फैसले की प्रति पुलिस आयुक्त को भेजने का भी आदेश दिया। याचिकाकर्ता कलावती ने अधिवक्ता सीएम ग्रोवर के माध्यम से याचिका दायर कर 11 फरवरी 2021 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी द्वारा दिए गए बेदखली के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की मांग की थी।

याचिका के अनुसार बेटे की प्रताड़ना से परेशान कलावती ने पहले नंद नगरी स्थित वरिष्ठ नागरिक कल्याण एवं भरण-पोषण न्यायाधिकरण में अपने बेटे सुनील कुमार व उसके परिवार के खिलाफ छह जुलाई 2020 को बेदखल याचिका दायर की।

न्यायाधिकरण ने कलावती के हक में फैसला सुनाते हुए 30 दिन के अंदर घर खाली करने का सुनील को निर्देश दिया था। हालांकि, घर खाली करने के बजाए सुनील ने इस फैसले को चुनौती दी। छह अक्टूबर 2020 को डिविजनल मजिस्ट्रेट ने मामले की सुनवाई कर इसे जिलाधिकारी को निर्णय लेने के लिए भेज दिया। 11 फरवरी 2021 को जिलाधिकारी ने नये सिरे से मामले की सुनवाई की और कलावती के हक में फैसला सुनाया।

कलावती के अधिवक्ता सीएम ग्रोवर ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद सीलमपुर एसएचओ समेत स्थानीय पुलिस ने आदेश का अनुपालन नहीं किया। यह भी आरोप लगाया कि पुलिस प्रतिवादी के साथ मिलकर आदेश का अनुपालन नहीं करा रही है।

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