दिल्ली हाई कोर्ट ने EVM पर सवाल उठाने वाली अपील की खारिज, याचिकाकर्ता पर लगाया 10,000 रुपये जुर्माना

मंगलवार को सुनवाई के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका को पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका करार दिया। इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 10000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 01:29 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 01:39 PM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट ने EVM पर सवाल उठाने वाली अपील की खारिज, याचिकाकर्ता पर लगाया 10,000 रुपये जुर्माना
दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की EVM पर सवाल उठाने वाली याचिका, लगाया 10,000 का जुर्माना

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को अहम सुनवाई के दौरान उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका को पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका करार दिया। इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने ईवीएम पर सवाल तो उठाए, लेकिन उनके पास ईवीएम को लेकर कोई खास जानकारी तक मौजूद नहीं है। 

गौरतलब है कि एडवोकेट सीआर सुकिन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर मांग की थी कि ईवीएम संदेह के घेरे में है और इसलिए इस हटाकर बैलेट पेपर से मतदान कराए जाएं। इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपके पास ऐसे क्या आधार हैं? जिसके आधार पर आप कह रहे हैं कि ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि जर्मनी की सुप्रीम कोर्ट ने भी ईवीएम के इस्तेमाल को असंवैधानिक करार दिया है। इस तर्क को दिल्ली हाई कोर्ट ने नहीं माना और याचिका खारिज कर दी।

यह था याचिकाकर्ता का तर्क

आगामी चुनावों के दौरान ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से करवाने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सीआर सुकिन ने तर्क दिया कि विश्व के कई देशों में ईवीएम की जगह एक बार फिर से बैलट पेपर के जरिए चुनाव होने शुरू हो गए हैं। ऐसे में भारत में भी ऐसा ही किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि जिन देशों ने ईवीएम की शुरुआत भी की थी वह भी वापस बैलेट पेपर पर आ गए हैं। इस दौरान याचिककर्ता ने अमेरिका जैसे देशों का भी जिक्र किया। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि हमारे देश में कई दलों के राजनेताओं को भी ईवीएम पर विश्वास नहीं है सिर्फ केंद्रीय चुनाव आयोग को ही है।

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