दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से पूछा क्या- एनजीओ क्या ले सकते हैं विदेशी सहायता
याचिका पर पीठ ने केंद्र सरकार को समय सीमा बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा।पीठ ने कहा कि महामारी में उन्हें पैसे की आवश्यकता होती है। यदि किसी विदेशी स्रोतों से पैसा आ रहा है तो इसे रोकना नहीं चाहिए क्योंकि लोगों को अभी बहुत मदद की जरूरत है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। एक याचिका पर बृहस्पतिवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) विदेशी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिहं की पीठ ने कहा कि समाज को सेवा देने वाले एनजीओ की इस संबंध में गृह मंत्रालय की स्वीकृति लंबित है। दाे एनजीओ कम्फर्ट मिनिस्ट्रीज और मदर्स टच चैरिटी फाउंडेशन की तरफ से दायर याचिका पर पीठ ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के संशोधित प्रावधानों के तहत खाता खोलने के बावजूद भी उनके आवेदन को गृह मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिली है। संशोधित अधिनियम के तहत खाता खोलने की समय सीमा एक अप्रैल 2021 थी।
दो एनजीओ ने याचिका दायर कर की मंजूरी देने की मांग
याचिका पर पीठ ने केंद्र सरकार को समय सीमा बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा। पीठ ने कहा कि महामारी के समय उन्हें पैसे की आवश्यकता होती है और यदि किसी विदेशी स्रोतों से पैसा आ रहा है, तो इसे रोकना नहीं चाहिए क्योंकि लोगों को अभी बहुत मदद की जरूरत है। पीठ ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश स्टैंडिंग काउंसल मनीष मोहन को इस पर निर्देश लेने काे कहा कि क्या याचिकाकर्ता जैसे एनजीओ को गृह मंत्राालय की मंजूरी लंबित है उन्हें विदेशी सहायता प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी।
20 मई को होने वाली है अगली सुनवाई
पीठ ने मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह 20 मई को होने वाली अगली सुनवाई से पहले दस्तावेजों की प्रक्रिया को पूरी कर मंजूरी दे। पीठ ने कहा कि अगर दस्तावेजों में कोई दोष मिलता है तो याची को 17 मई से पहले इंगित किया जाए ताकि जल्द मंजूरी मिल सके।