आतंकी की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने NIA से मांगा जवाब, दुबई से प्रत्यर्पण के बाद लाया गया था दिल्ली
सिदिबप्पा की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता एमएस खान ने कहा कि आरोपित बीते पांच साल से तिहाड़ जेल में बंद है और आठ साल पहले दर्ज किए गए मामले में अब आरोपित को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ट्रायल में देरी होने का आधार बताकर जमानत मांगने वाले इंडियन मुजाहिददीन (आइएम) आतंकी अब्दुल वाहिद सिदीबप्पा की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से जवाब मांगा है। आतंकी साजिश रचने समेत अन्य आरोपों में आराेपित सिदीबप्पा को वर्ष 2016 में गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने एनआइए को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई छह मई तक के लिए स्थगित कर दी।
सिदिबप्पा की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता एमएस खान ने कहा कि आरोपित बीते पांच साल से तिहाड़ जेल में बंद है और आठ साल पहले दर्ज किए गए मामले में अब आरोपित को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि क्योंकि अब तक आरोप तय नहीं हुए हैं और मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है।
कर्नाटक के भटकल का रहने वाला सिदिबप्पा आइएम के सह-संस्थापक यासीन भटकल का भतीजा है और उसे दुबई से प्रत्यर्पण के दौरान 20 मई 2016 को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। सितंबर 2012 में एनआइए द्वारा दर्ज की गई एफआइआर के अनुसार, सिदिबप्पा पाकिस्तान की मदद से देश में फैले अन्य आइएम स्लीपर सेल के साथ मिलकर दिल्ली समेत देश के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था। निचली अदालत ने छह नवंबर 2013 को सिदिबप्पा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। वहीं तीन दिसंबर 2013 को रेड-कार्नर नोटिस भी जारी किया गया था।