दिल्ली सरकार अब नहीं देगी मुफ्त राशन, 72 लाख लोगों को अगले माह से चुकाने होंगे पैसे
कोरोना काल में दिया जा रहा मुफ्त राशन इसी माह तक ही मिलेगा। जुलाई से सभी लगभग 72 लाख लाभार्थियों को इसके लिए नकद भुगतान करना होगा। खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत कोरोना काल में दिया जा रहा मुफ्त राशन इसी माह तक ही मिलेगा। जुलाई से सभी लगभग 72 लाख लाभार्थियों को इसके लिए नकद भुगतान करना होगा। खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाइ) के तहत सभी लाभार्थियों को अतिरिक्त मुफ्त राशन नवंबर तक मिलता रहेगा। इसके तहत चार किलो गेहूं व एक किलो चावल प्रति व्यक्ति दिया रहा है।
दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग के सहायक आयुक्त (वितरण) देशराज ने दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन (डीएससीएससी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक को आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक जुलाई के लिए तकरीबन दो हजार उचित दर के दुकानदारों को जो मार्जिन मनी दी जानी थी, उसे खाद्यान्न खरीद के लिए विभाग ने एडवांस राशि के रूप में रख ली है। शेष राशि दुकानदारों के खाते में डाल दी गई है।
मार्जिन मनी लेने संबंधी सूचना खाद्य मंत्री इमरान हुसैन व केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय को भी दे दी है। अब दुकानदार मार्जिन मनी अदा कर खाद्यान्न प्राप्त करेंगे तो लाभार्थियों को राशन के लिए मूल्य अदा करना होगा। खाद्य विभाग के आदेशानुसार राशन लाभार्थियों को उचित दर की दुकानों से सस्ते मासिक राशन के लिए जुलाई से गेहूं के लिए दो रुपये प्रति किलो, चावल तीन और चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो की दर पर भुगतान करना होगा।
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दिल्ली सरकार को मुफ्त राशन देने पर विचार करना चाहिए : गर्ग
दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार गर्ग का कहना है कि पीएमजीकेवाइ के तहत केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना नवंबर तक लागू है, जबकि दिल्ली सरकार ने जुलाई से यह योजना खत्म कर दी है। ऐसे में एक योजना के तहत लोगों से राशन का पैसा लेना, जबकि दूसरी योजना के तहत मुफ्त वितरण करना बहुत मुश्किल कार्य है। इससे कोविड नियमों के पालन में भी परेशानी होगी, इसलिए दिल्ली सरकार को मुफ्त राशन देने पर विचार करना चाहिए। वैसे भी दिल्ली सरकार को 72 लाख लोगों के मासिक राशन के लिए सिर्फ सवा छह करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। यह कोई बहुत बड़ी रकम नहीं है।
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