वायु प्रदूषण की रोकथाम को 5 अक्टूबर से दिल्ली में चलेगा महाअभियान: गोपाल राय
गोपाल राय ने कहा कि जाड़े के समय में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। जब हवा के अंदर ठंड और नमी बढ़ती है उस समय पीएम-10 के और पीएम-2.5 के कण का घेरा दिल्ली के ऊपर बढ़ जाता है। इसके मुख्य तौर पर दो मुख्य कारण है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली सरकार प्रदूषण पैदा करने वाली सभी गतिविधियों के खिलाफ पांच अक्टूबर से राजधानी में चौतरफा महा अभियान शुरू करने जा रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस महा अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर्यावरण विभाग, विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनडीएमसी, परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, डीडीए, डीएसआइआइडीसी और जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद करेंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि पिछली बार हमने 25 फीसद प्रदूषण कम किया था, इस बार इससे ज्यादा कम करने में सफल होंगे।
बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के साथ संयुक्त बैठक हुई थी। इसमें उन्होंने पराली के समाधान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में चल रहे पावर प्लांट और पुरानी तकनीक से चल रहे ईंट भट्ठों पर संबंधित राज्य सरकारों से कार्रवाई की अपील की है।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में पराली को खाद में बदलने के लिए पूसा कृषि संस्थान की निगरानी में नजफगढ़ के खड़खड़ी नाहर गांव में सेंटर बनाया गया है। यहां 6 अक्टूबर से करीब 400 पतीलों में घोल तैयार करना शुरू करेंगे। ब्लॉक स्तर पर कृषि विस्तार अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो इच्छुक किसानों से फार्म भरवाएंगे, जिसके बाद नि:शुल्क छिड़काव किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री से हमने प्रदूषण स्तर कम करने में सभी का मांगा सहयोग
मंत्री ने कहा कि हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और सभी राज्यों के मंत्रियों के साथ हमने दिल्ली सरकार के एक्शन प्लान पर चर्चा की। हमने बैठक में केंद्रीय मंत्री और सभी राज्यों के मंत्रियों से दिल्ली का प्रदूषण स्तर कम करने के लिए सहयोग मांगा। बॉक्स-3 इच्छुक किसानों से फार्म भरवाया जा रहा, विधायकों की ली जा रही मदद राय ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से एक फार्म तैयार किया है। इसमें हम किसान का नाम, पिता का नाम, पता, संबंधित गांव और जिला की जानकारी ले रहे हैं।
गैर बासमती चावल का क्षेत्र, जिसमें घोल का छिड़काव करना है, उसका क्षेत्र कितना है और जिस दिन वह छिड़काव कराना चाहते हैं, वह तारीख ले रहे हैं। इस फार्म के आधार हमारी टीम वहां जाएगी और उस तारीख को खेत में छिड़काव किया जाएगा। बुधवार को हमने जो बैठक बुलाई थी, उसमें हमने ग्रामीण क्षेत्रों के विधायकों को भी बुलाया था, जिससे उनका सहयोग लिया जा सके।
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