दिल्ली में 1800 से ज्यादा मजदूरों के खाते में भेजे गए 10-10 हजार रुपये, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

मनीष सिसोदिया ने कहा की जब पिछले साल महामारी के कारण पहला लॉकडाउन लगाया गया था उस दौरान दिल्ली सरकार मार्च 2020 के महीने में बोर्ड के साथ पंजीकृत सभी 39600 श्रमिकों को राहत संवितरण देने वाली देश की पहली सरकारों में से एक थी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:47 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:47 PM (IST)
दिल्ली में 1800 से ज्यादा मजदूरों के खाते में भेजे गए 10-10 हजार रुपये, जानिए कैसे मिलेगा लाभ
1825 निर्माण श्रमिकों को दी ₹10000 की कोरोना सहायता राशि

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के निर्देशों के तहत दिल्ली बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड ने 1825 निर्माण श्रमिकों को 10-10 हज़ार रुपयों का कोरोना राहत राशि का वितरण किया। दिल्ली सरकार ने इस साल पहले ही 2,17,039 निर्माण श्रमिकों को कोरोना राहत वितरण राशि के रूप में 5000-5000 रुपये वितरित किया था। कोरोना संकट के दौरान निर्माण श्रमिक सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए है। सरकार की ओर से निर्माण श्रमिकों को ये राहत राशि अतिरिक्त लाभ के रूप में मिली है।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड उन निर्माण श्रमिकों को राहत राशि वितरित करने का निर्णय लिया, जो 30 सितंबर, 2018 तक बोर्ड के साथ पंजीकृत थे। जिन सदस्यों ने अपना रेजिस्ट्रेशन रिन्यू करवा लिया है वे भी इस राहत राशि के लिए पात्र होंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बहु सभी निर्माण श्रमिकों से जो 30 सितंबर, 2018 से पहले बोर्ड के सदस्य थे, निर्माण बोर्ड के साथ अपनी सदस्यता को नवीनीकृत करने का आग्रह किया है ताकि वे संवितरण लाभ प्राप्त कर सकें।

मनीष सिसोदिया ने कहा की , "जब पिछले साल महामारी के कारण पहला लॉकडाउन लगाया गया था उस दौरान दिल्ली सरकार मार्च 2020 के महीने में बोर्ड के साथ पंजीकृत सभी 39600 श्रमिकों को राहत संवितरण देने वाली देश की पहली सरकारों में से एक थी। श्रम विभाग द्वारा नवंबर 2020 में, दिल्ली के श्रम कार्यालयों में निरीक्षण और सामूहिक पंजीकरण अभियान चलाए गए हैं। इन निरीक्षणों और पंजीकरण अभियानों के आधार पर श्रम विभाग में कई सुधार किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, 6 महीने के भीतर निर्माण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या बढ़कर 2.38 लाख हो गई है।

इसके अलावा निर्माण श्रमिकों के रेजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में भी सुधार किया गया है। अब रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन प्रोसेस को ऑनलाइन कर दिया गया है। पहले श्रमिकों को अपना आवेदन जमा करने के लिए घंटों लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था, लेकिन अब पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है जिससे श्रमिक बिना किसी परेशानी और ज़्यादा समय लगाए स्वयं का रेजिस्ट्रेशन कर सकते है और उन्हें अपने काम पर से छुट्टी भी नहीं लेनी होती है ।

दिल्ली सरकार की ओर से आने वाले हफ्तों में 10000 से अधिक निर्माण श्रमिकों को भी राहत राशि मिलेगी। ये निर्माण श्रमिक समाज के सबसे गरीब वर्ग के है जिन्हें कोरोना संकट के दौरान सबसे ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। निर्माण श्रमिकों के लिए यह राहत संवितरण इस कठिन समय के दौरान उनकी मुश्किलों को कम करने का काम करेगा।

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