पड़ोसी राज्यों से यमुना में गिरने वाले 155 एमजीडी दूषित पानी को शोधित करेगी दिल्ली सरकार : सत्येंद्र जैन

गोपाल राय ने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले नालों को सीवरेज शोधन संयंत्र से जोड़कर या इन-सीटू तकनीक के जरिये ट्रीट किया जाएगा। इस शोधित पानी के कुछ हिस्से को झीलों व जलाशयों में एकत्रित किया जाएगा। शेष पानी को नालों के जरिये यमुना छोड़ा जाएगा।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 09:53 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:53 AM (IST)
पड़ोसी राज्यों से यमुना में गिरने वाले 155 एमजीडी दूषित पानी को शोधित करेगी दिल्ली सरकार : सत्येंद्र जैन
पड़ोसी राज्यों से यमुना में गिरने वाले 155 एमजीडी दूषित पानी को शोधित करेगी दिल्ली सरकार : सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। यमुना की सफाई के मुद्दे को लेकर दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने जल बोर्ड और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ एक बार फिर बैठक की। इसके बाद उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के नालों से यमुना में गिरने वाले करीब 155 एमजीडी दूषित पानी को दिल्ली सरकार अपने खर्च से शोधित करेगी। उन्होंने यमुना में हरियाणा से 105 एमजीडी और उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी गिरने का आरोप लगाते हुए कहा कि यमुना को साफ करना केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता है। यमुना किसी एक राज्य की नहीं बल्कि पूरे देश की है।

यमुना की सफाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जो कुछ भी जरूरी होगा वो किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले नालों को सीवरेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) से जोड़कर या इन-सीटू तकनीक के जरिये ट्रीट किया जाएगा। इस शोधित पानी के कुछ हिस्से को झीलों व जलाशयों में एकत्रित किया जाएगा। शेष पानी को नालों के जरिये यमुना छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के दो प्रमुख नालों से 105 एमजीडी दूषित पानी यमुना में गिरता है। जिसमें से 90 एमजीडी दूषित पानी गुरुग्राम के रास्ते बादशाहपुर नाले से व ड्रेन नंबर 6 से आता है।

वहीं उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी दिल्ली के गाजीपुर नाले के जरिये यमुना नदी में गिरता है। इसे पानी को साफ करने का कार्य दिल्ली सरकार ने अपने जिम्मे ले लिया है लेकिन राज्य यमुना को प्रदूषित कर रहे हैं, उन्हें भी इसे साफ करने के लिए कदम उठाने चाहिए। दिल्ली सरकार यमुना को तीन सालों में साफ करने का वादा किया है इसीलिए यह अतिरिक्त जिम्मेदारी ले रहे हैं। दूषित पानी भी एक संसाधन है, जो किसी भी शहर की पानी की समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। इसके मद्देनजर जल बोर्ड ने इस दिशा में कुछ कदम उठाएं हैं। ड्रेन नंबर छह से करीब 15 एमजीडी पानी आता है, जिसके प्रवाह को नरेला एसटीपी की ओर मोड़ दिया गया है। इस एसटीपी की शोधन क्षमता 10 एमजीडी है। जबकि 12 एमजीडी दूषित पानी को शोधित किया जा रहा है। इसी तरह गाजीपुर नाले से दूषित पानी निकालने और कोंडली एसटीपी तक पहुंचाने के लिए बैराज का काम पूरा हो गया है।

इसके बाद पांच से सात एमजीडी दूषित पानी के प्रवाह को एसटीपी की तरफ मोड़ दिया गया है। चरणबद्ध तरीके से गाजीपुर ड्रेन से आने वाले 50 एमजीडी दूषित पानी को एसटीपी में ले जाकर शोधित किया जाएगा। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग 57 किलोमीटर लंबे नजफगढ़ नाले की कायाकल्प करने के लिए कार्य कर रहा है। इसमें बादशाहपुर नाले का गंदा पानी गिरता है। इस पानी को इन-सीटू तकनीक से शोधित किया जाएगा। इससे पानी में आक्सीजन की मात्रा बढ़ जाएगी। 

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