कोरोना पीड़ितों को मुफ्त एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराए दिल्ली सरकार : चोपड़ा

सुभाष चोपड़ा ने शनिवार को टवीट कर कहा कि एंबुलेंस किराये की दर तय करने में केजरीवाल काफी लेट हो चुके हैं। इसीलिए इस बेहद नाजुक व महत्वपूर्ण समय में हम दिल्ली सरकार से मांग करते हैं कि वह निजी एंबुलेंस को अधिगृहित कर उनके किराये को स्वयं वहन करें।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 08:37 AM (IST)
कोरोना पीड़ितों को मुफ्त एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराए दिल्ली सरकार : चोपड़ा
दिल्ली विधानसभा और दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोविड काल में पीड़ितों के दुख को महसूस करते हुए दिल्ली कांग्रेस ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का अनुरोध किया है। दिल्ली विधानसभा और दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने दिल्ली सरकार द्वारा निजी एंबुलेंस की किराया दर तय करने को देर से उठाया गया कदम बताते हुए आम आदमी पार्टी सरकार से लोगों को मुफ्त में एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

सुभाष चोपड़ा ने शनिवार को टवीट कर कहा कि एंबुलेंस किराये की दर तय करने में सीएम केजरीवाल काफी लेट हो चुके हैं। इसीलिए इस बेहद नाजुक व महत्वपूर्ण समय में हम दिल्ली सरकार से मांग करते हैं कि वह निजी एंबुलेंस को अधिगृहित कर उनके किराये को स्वयं वहन करें और कोरोना मरीजों को निशुल्क सेवा प्रदान कराएं।

यहा बता दें कि इससे पहले निजी एंबुलेंस चालकों ने कोरोना मरीजों को अस्पताल या अन्य जगह ले जाने के लिए बेतहाशा किराया वसूला था। ऐसे कई मामलों में शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपी एंबुलेंस चालकों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज की थी। इससे पहले एंबुलेंस के किराये की कैपिंग का आदेश जारी होते ही निजी एंबुलेंस चालकों ने इसका विरोध भी शुरु कर दिया था।

बता दें कि दिल्ली में कोरोना काफी तेजी से अपने पांव फैला रहा है; ऐसे में संक्रमण दर ज्यादा रहने से ज्यादा से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इधर स्वास्थ्य सुविधों की लचर हालत के कारण दिल्ली के काफी लोग इस बीमारी की चपेट में आने के बाद अस्पताल के लिए दर-दर भटक रहे हैं। बीमारी गंभीर होने पर लोगों को आक्सीजन की दरकार बढ़ने लगी जिसकी किल्लत आग में घी का काम कर गई। बताते चले कि आक्सीजन की किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार एवं केंद्र सरकार को कई बार दिल्ली हाइ कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में जजों की नाराजगी का शिकार होना पड़ा। 

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