दिल्ली सरकार निजी अस्पतालों की मनमानी रोकने में विफल, गरीबों को उनके हाल पर छोड़ा: भाजपा
भाजपा ने दिल्ली सरकार पर कोरोना संक्रमित गरीबों को उनके हाल पर छोड़ देने का आरोप लगाया है। सरकारी अस्पतालों में जगह नहीं है और निजी अस्पतालों में उनके इलाज की व्यवस्था। निजी अस्पतालों में मरीजों से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली सरकार पर कोरोना संक्रमित गरीबों को उनके हाल पर छोड़ देने का आरोप लगाया है। सरकारी अस्पतालों में जगह नहीं है और निजी अस्पतालों में उनके इलाज की व्यवस्था। निजी अस्पतालों में मरीजों से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है, लेकिन सरकार इस लूट को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। वहीं, सरकार की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि एंबुलेंस के दरों को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया गया है अब यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि इस पर एक्शन ले।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी का कहना है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से सस्ती दर पर जमीन लेने वाले अस्पतालों में गरीबों के लिए बिस्तर आरक्षित होने के बावजूद उनका इलाज नहीं हो रहा है। सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। दिल्ली में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना लागू नहीं होने से गरीबों की परेशानी और बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि डीडीए से सस्ती जमीन लेने वाले निजी अस्पतालों में 25 फीसद बिस्तर गरीबों के लिए आरक्षित है। इन बिस्तरों पर गरीबों का मुफ्त इलाज होना चाहिए, लेकिन निजी अस्पताल वाले इसका पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कितने अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज हुआ?
इन अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज सुनिश्चि किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा में घोषणा के बावजूद दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना लागू नहीं की। यदि यह योजना लागू होती तो गरीबों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल जाता। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं होने पर मरीजों का अपने खर्च पर निजी अस्पतालों में इलाज कराने की घोषणा की थी। सरकार को बताना चाहिए कि यह योजना अभी लागू है या नहीं? यदि है तो कितने लोगों को लाभ मिला है?