Delhi Girl Assault & Murder Case: प्रदर्शनकारियों ने नांगलराया मुख्य मार्ग का एक हिस्सा यातायात के लिए खोला
सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में मुख्य सड़क पर धरना दे रहे लोगों को सेना की ओर से दिए गए नोटिस के अगले दिन नांगलराया मुख्य मार्ग के एक हिस्से को खोल दिया गया। दिल्ली कैंट से सागरपुर की ओर वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली कैंट थाना क्षेत्र में बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में मुख्य सड़क पर धरना दे रहे लोगों को सेना की ओर से दिए गए नोटिस के अगले दिन नांगलराया मुख्य मार्ग के एक हिस्से को यातायात के लिए खोल दिया गया। अब दिल्ली कैंट से सागरपुर की ओर वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। सड़क के दूसरे हिस्से पर अभी भी यातायात बाधित है। इस हिस्से पर पहले सड़क के बीच एक मंच था। उधर, राजनीतिक दलों के नेताओं का भी आना-जाना भी लगा रहा।
दरअसल, सेना ने कहा था कि तीन अगस्त से धरने के कारण सेना के वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। इसके अलावा प्रदर्शन के नाम पर यहां स्थानीय लोगों के अलावा बड़ी संख्या में बाहरी लोगों के आने से सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई थी।
समय बीतने के साथ धरनास्थल पर बढ़ रहा तनाव
बृहस्पतिवार को धरना स्थल पर दो मंच नजर आए। अलग-अलग गुटों के लोग एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी के साथ आरोप लगा रहे थे कि इस आंदोलन को कुछ लोग मूल उद्देश्य से भटका रहे हैं। खासकर महिलाओं का कहना था कि हमारी प्राथमिकता अभी दोषियों के लिए सजा दिलाने की होनी चाहिए, लेकिन कुछ लोग मुआवजा व पीड़ित परिवार के पुनर्वास पर जोर दे रहे हैं। कुछ लोगों का कहना था कि अब यहां स्थानीय लोगों को मंच पर कम जगह मिल रही है। बाहर से आए लोग मंच पर कब्जा करने में लगे हैं। इस बीच पीड़ित बच्ची के माता- पिता किस मंच पर बैठें, इसे लेकर भी विवाद देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि इस विवाद के बीच कई बार पीड़ित बच्ची के माता-पिता परेशान हो उठते हैं और आपा खोने लगते हैं। इससे माहौल भी बिगड़ रहा है।
पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची निर्भया की मां
पीड़ित परिवार से मिलने निर्भया की मां पुराना नांगलराया पहुंची। पीड़ित बच्ची के माता- पिता से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि जब तक बच्चियों के साथ इस तरह के जघन्य अपराध के दोषियों को फांसी की सजा नहीं मिलेगी, तब तक घटिया मानसिकता वाले लोग इस तरह की हरकतें करते रहेंगे। सरकार ने कानून बनाया था कि 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा छह महीने के भीतर मिलेगी, लेकिन कानून बनने के बाद किसी भी दोषी को फांसी नहीं दी गई है।
दिल्ली कैंट थाना क्षेत्र में बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार सलीम को लेकर स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि श्मशान भूमि में घटना के समय आखिर सलीम क्या कर रहा था। उसे कोई लकड़ी आपूर्ति करने वाला तो कोई पुजारी का सहयोगी बता रहा है। हालांकि, उसकी भूमिका को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सका। वहीं श्मशान भूमि में किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है।
सलीम की भूमिका की होनी चाहिए जांच
पुराना नांगलराया के लोगों का कहना है कि सलीम की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। वह, श्मशान भूमि परिसर में कब से आ रहा है और वह क्या काम करता था। इसकी सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि श्मशान भूमि में कोई परिवार नहीं रहता है। खाली समय में पुजारी के आराम करने के लिए यहां एक कमरा बनाया गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि चारों आरोपित सलीम, कुलदीप, लक्ष्मी नारायण और राधेश्याम यहां देर रात रुकते थे। इसके अलावा स्थानीय लोगों ने कई और गंभीर आरोप लगाए हैं।