Delhi Farmers News: एक करोड़ की सीड ड्रिल से बोआई और साढ़े छह लाख के ड्रोन से छिड़काव
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा में आयोजित हो रहे कृषि उन्नति मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान उन मशीनों को देखने में खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं जो अपना काम पूरी सटीकता के साथ करती हैं। इस मशीन का नाम परिशुद्ध प्लाट सीड ड्रिल है।
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा में आयोजित हो रहे कृषि उन्नति मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान उन मशीनों को देखने में खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं जो अपना काम पूरी सटीकता के साथ करती हैं।
तमाम मशीनों के बोआई में इस्तेमाल होने वाली सीड ड्रिल जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपये है, किसानों को खूब भा रही है, वहीं करीब साढ़े छह लाख की ड्रोन मशीन जिसका इस्तेमाल खेत में बोआई से लेकर दवाओं के छिड़काव में किया जा सकता है, किसानों के बीच चर्चा का विषय है। सीड ड्रिल मशीन की सबसे बड़ी खासियत छोटे से छोटे आकार के खेत में पूरी सटीकता के साथ अलग-अलग फसलों की बोआई करना है।
आमतौर पर जिस सीड ड्रिल मशीन का इस्तेमाल किसान करते हैं उसका इस्तेमाल बड़े आकार के खेतों में किया जाता है। इस मशीन का नाम परिशुद्ध प्लाट सीड ड्रिल है। उन्नत खेती करने वाले किसान इस मशीन का इस्तेमाल करते हैं। मान लीजिए एक छोटे से प्लाट पर आपको एक नहीं कई तरह की फसल की खेती करनी है। ऐसे में परंपरागत सीड ड्रिल मशीन आपके काम नहीं आएगी। यहां परिशुद्ध सीड ड्रिल मशीन ही आपके काम आएगी।
यह मशीन न सिर्फ बोआई करती है, बल्कि क्यारियां बनाना, उसमें बीज डालना और बीज डालने के बाद एक नियत दवाब पर जमीन को समतल भी करती है। वहीं ड्रोन मशीन की बात करें तो इसमें भी अनेक विशेषताएं हैं। इसका इस्तेमाल तरल पदार्थ से लेकर दानेदार चीजों के खेत में छिड़काव के लिए कर सकते हैं। इसमें लगे सेंसर व रडार रास्ते में आने वाली हर रुकावट का पता कर इसकी जानकारी संचालक तक भेजते हैं।
बैटरी से संचालित यह ड्रोन एक बार में 20 मिनट तक उड़ सकता है। एक एकड़ खेत में किसी भी चीज के छिड़काव में इसे सात मिनट लगते हैं। इसमें लगे कैमरे करीब पांच किलोमीटर की परिधि तक की तस्वीर या वीडियो बनाकर संचालक को भेजते हैं। विज्ञानियों का कहना है कि आजकल बाजार में ऐसे ऐसे उन्नत मशीन मौजूद हैं जिसमें मानव श्रम की जरूरत नाममात्र के लिए होती है। ये उन्नत मशीन अपने कार्य को पूरी सावधानी व सतर्कता से करते हैं ताकि कहीं भी गलती की कोई गुंजाइश नहीं रहे।
विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले समय में खेतीबाड़ी के तौर तरीके पूरी तरह बदल जाएंगे। जिस तरह से सरकार कृषक उत्पादक संगठन व कृषि यंत्र बैंक बनाने की योजना लेकर आई है, कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जा रही है, उससे प्रगतिशील किसान अब इन मशीनों का इस्तेमाल करने की ओर अग्रसर होंगे।