दिल्ली में राहगीरों के लिए मुसीबत बने सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशु, किन इलाकों में पशुओं का ज्यादा खतरा पढ़िए पूरी खबर
कभी कूड़े के ढेर पर तो कभी गली-मोहल्लों में खाना खाकर यह दिन-रात बिता रहे हैं। सड़कों पर घूमते इन बेसहारा पशुओं की वजह से लोगों को भी काफी परेशानी होती है। रात को अंधेरे में पशु अचानक सड़क के बीच में आ जाते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गांव से लेकर शहर तक बेसहारा पशुओं की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। दिन का समय हो या रात, सड़कों पर बेसहारा पशु अक्सर झुंड बनाए देखे जा सकते हैं। इनका न तो रहने का कोई आशियाना है और न ही खाने का ठिकाना। कभी कूड़े के ढेर पर तो कभी गली-मोहल्लों में खाना खाकर यह दिन-रात बिता रहे हैं। सड़कों पर घूमते इन बेसहारा पशुओं की वजह से लोगों को भी काफी परेशानी होती है। रात को अंधेरे में पशु अचानक सड़क के बीच में आ जाते हैं। इससे एक तरफ दोपहिया वाहन चालक चोटिल हो जाते हैं तो दूसरी तरफ हाईवे पर चढ़कर यह बड़े वाहन चालकों के लिए भी खतरा बन जा रहे हैं।
अचानक सामने आए इन बेसहारा पशुओं को बचाते समय वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं और दुर्घटना का अंदेशा रहता है। सड़क पर झुंड में खड़े इन पशुओं के पास से गुजरते समय लोगों के मन में भी डर बना रहता है कि कहीं पशु उन्हें टक्कर न मार दें।कई बार तो बेसहारा पशुओं की वजह से हादसे हो चुके हैं। जिनमें लोग घायल भी हो चुके हैं और घर के चिराग भी बुझ चुके हैं। रोहिणी, शाहबाद डेरी, नरेला, बवाना, अलीपुर, बुराड़ी, घोगा आदि इलाकों में बेसहारा पशुओं की भरमार है।
चौक-चौराहों पर घूमते रहते हैं पशु : गांव की बात करें तो बेसहारा पशु खाने की तलाश में गलियों में घूमते रहते हैं। यहां पर लोग उन्हें खाने के लिए रोटी दे देते हैं और धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाती है। इसके बाद पशुओं के झुंड खाने के लिए रोज घरों के बाहर पहुंच जाते हैं। इसके अलावा खेतों में घुसकर भी फसल बर्बाद कर देते हैं। इससे लोगों को परेशानी होती है। वहीं शहर के चौक-चौराहों पर भी बेसहारा पशु घूमते आम दिख जाएंगे।
रात के समय दुर्घटना का बना रहता है खतरा: लोग रात को बचे हुए खाने या खाद्य पदार्थ को कूड़े में फेंक देते हैं। इस वजह से कूड़े के ढेर पर पशु खाना खाने जाते हैं। यहां पर कई बार पशु खाने के साथ-साथ पालिथीन भी खा लेते हैं, जो उनकी सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित होती है। वहीं कई गाय काले रंग की होती हैं और रात के समय सड़कों पर अंधेरा होने पर वाहन चालकों को दूर से दिखाई ही नहीं देती। इस वजह से भी दुर्घटनाएं होती हैं।